सुप्रीम कोर्ट का फैसला: आवारा कुत्तों की समस्या पर नई बहस
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट का हालिया निर्णय, जिसमें आवारा कुत्तों को टीका लगाने और उन्हें उसी क्षेत्र में छोड़ने का निर्देश दिया गया है, ने इस समस्या पर एक नई बहस को जन्म दिया है। ये आवारा कुत्ते जब जंगली हो जाते हैं, तो छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर हमले करते हैं, जिससे सुरक्षा का सवाल उठता है।
विवादित प्रतिक्रिया
इस फैसले का स्वागत कुत्तों के प्रेमियों ने किया, लेकिन कई लोग, जो पहले इस मुद्दे से जुड़े रहे हैं, इसे निराशाजनक मानते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता विजय गोयल ने इस आदेश की आलोचना की और कहा कि अब यदि कोई आवारा कुत्ता किसी को काटता है, तो इसकी जिम्मेदारी अदालत और कुत्तों के प्रेमियों पर होगी। दिल्ली में लगभग 10 लाख आवारा कुत्ते हैं, और कई पूर्व नगर प्रशासक इस आदेश को 'बेतुका' मानते हैं।
समाधान के प्रयास
डीके पंवार, जो आंध्र प्रदेश के कैडर के एक अनुभवी नौकरशाह हैं, ने बताया कि 1997 में हैदराबाद में नगर आयुक्त के रूप में उन्होंने इस समस्या का समाधान कैसे किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम अधिनियम के अनुसार, सभी आवारा कुत्तों को एक सप्ताह के लिए आश्रय में रखा जाना चाहिए। यदि कोई उन्हें अपनाना चाहता है, तो उसे कुछ शुल्क चुकाना होगा। यदि कोई उन्हें नहीं अपनाता, तो उन्हें समाप्त करने की अनुमति है। इस प्रक्रिया से हैदराबाद में एक महीने में कुत्तों के काटने की समस्या हल हो गई थी।
कानूनी और प्रशासनिक चुनौतियाँ
DV प्रसाद, एक सेवानिवृत्त IAS अधिकारी, ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कई कानूनी और प्रशासनिक बाधाएँ हैं। उन्होंने बताया कि नगरपालिकाओं में पशु चिकित्सकों की कमी है, और यह समस्या और भी जटिल हो जाती है।
मनका गांधी की प्रतिक्रिया
पशु अधिकार कार्यकर्ता मनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया, इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भरा बताया। हालांकि, कई निवासियों ने इस पर असंतोष व्यक्त किया है, क्योंकि यह समस्या का समाधान नहीं करता।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त के अपने आदेश में संशोधन किया है, जिसमें कहा गया था कि आवारा कुत्तों को टीका लगाकर उन्हें उसी क्षेत्र में छोड़ना होगा। कुत्ते क्षेत्रीय प्राणी होते हैं और अनजान स्थानों पर आक्रामक हो सकते हैं। मनका गांधी ने इस पर और स्पष्टता मांगी है कि किसे कुत्ते के व्यवहार का निर्णय लेना चाहिए।