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सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: चुनाव आयोग को मिली प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को जारी रखने की अनुमति दी है, जिससे चुनाव आयोग को महत्वपूर्ण निर्देश मिले हैं। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस फैसले को विपक्ष के लिए एक कड़ा संदेश बताया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष के नेता इस निर्णय का सम्मान करेंगे। इसके अलावा, भाजपा प्रवक्ता डॉ. गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि अब लोगों को भ्रमित करने वाले सवाल उठाने बंद होने चाहिए। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में और क्या कहा गया है।
 

भाजपा प्रवक्ता का बयान

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर कोई रोक नहीं लगाई है। यह निर्णय राजद, कांग्रेस जैसे अराजकतावादी दलों के लिए एक स्पष्ट संदेश है, जो भारत के संविधान और चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं पर विश्वास नहीं करते। उन्होंने बताया कि न्यायालय ने प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति दी है।


भाटिया ने कहा कि न्यायालय ने यह स्पष्ट किया है कि अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए यह प्रक्रिया भारत के चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में है।


विपक्ष पर कटाक्ष

भाटिया ने विपक्ष के नेताओं, जैसे तेजस्वी यादव और राहुल गांधी, से उम्मीद जताई कि वे आत्मनिरीक्षण करेंगे और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा कि हर नागरिक और भाजपा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि भारत में लोकतंत्र मजबूत बना रहे।


भाजपा प्रवक्ता डॉ. गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को भ्रमित करने वाले सवाल उठाने बंद होने चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने से राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेता चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं, जो समझ से परे है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह एक नियमित प्रक्रिया है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।


उच्चतम न्यायालय का निर्देश

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान आधार, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड को वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने पर विचार किया जाए। इस वर्ष के अंत में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।


न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची ने निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी की दलीलें सुनने के बाद एसआईआर को 'संवैधानिक दायित्व' बताते हुए आयोग को सात करोड़ से अधिक मतदाताओं वाले बिहार में एसआईआर जारी रखने की अनुमति दी।