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सुप्रिया सुले ने भारत-पाकिस्तान एशिया कप मैच पर उठाए सवाल

एनसीपी-एसपी सांसद सुप्रिया सुले ने भारत-पाकिस्तान एशिया कप 2025 मैच पर केंद्र सरकार के रुख पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो बल्ला और गेंद कैसे एक साथ आ सकते हैं। इस मुद्दे पर शिवसेना के संजय राउत ने भी विरोध जताया है। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।
 

सुप्रिया सुले का बयान

एनसीपी-एसपी सांसद सुप्रिया सुले ने गुरुवार को भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 के मैच पर केंद्र सरकार के दृष्टिकोण पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो बल्ला और गेंद एक साथ कैसे आ सकते हैं। सुले ने संवाददाताओं से कहा, "मैं भारत-पाकिस्तान मैच पर सरकार के रुख से स्तब्ध हूँ।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो बल्ला और गेंद का एक साथ होना कैसे संभव है?


 


संजय राउत का विरोध

सुले ने संजय राउत के विरोध के मुद्दे पर भी चर्चा की और कहा कि उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि संजय राउत और शिवसेना यूबीटी कोई विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं या नहीं। मैं गठबंधन के सदस्यों से बात करूंगी।" भारत और पाकिस्तान 14 सितंबर को एशिया कप 2025 के मैच में आमने-सामने होंगे। इस मैच ने भारत में विपक्षी दलों के बीच रोष पैदा कर दिया है, खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ खेलने को लेकर सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं।




शिवसेना का विरोध

इससे पहले, शिवसेना (यूबीटी) ने एशिया कप 2025 में होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का विरोध करने की घोषणा की थी। पार्टी सांसद संजय राउत ने पड़ोसी देश के खिलाफ खेलने के निर्णय को देशद्रोह और बेशर्मी करार दिया। उन्होंने कहा, "हम इस भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का विरोध करेंगे। महिलाएँ सड़कों पर उतरेंगी और हमारा अभियान 'सिंदूर रक्षा अभियान' है।" राउत ने यह भी कहा कि यदि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते, तो खून और क्रिकेट कैसे एक साथ चल सकते हैं।


 


राष्ट्रीय भावनाओं का सवाल

शिवसेना यूबीटी सांसद ने इस मैच को अनुमति देने में संघ परिवार की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार को खेलों से अधिक राष्ट्रीय भावनाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने यह भी पूछा कि जब पहलगाम पीड़ितों के परिवारों का दर्द और गुस्सा अभी भी बना हुआ है, तो सरकार पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच की अनुमति कैसे दे सकती है।