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सुनील गावस्कर ने मोहम्मद सिराज की प्रशंसा की, वर्कलोड प्रबंधन पर उठाए सवाल

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने मोहम्मद सिराज की शानदार गेंदबाजी की प्रशंसा की, जिसने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारत को हार से बचाया। उन्होंने वर्कलोड प्रबंधन के मिथक को चुनौती दी और कहा कि खिलाड़ियों को देश के लिए खेलते समय अपनी शारीरिक समस्याओं को नजरअंदाज करना चाहिए। गावस्कर ने बुमराह की चोट को गंभीर बताया और कहा कि सिराज ने अपनी प्रतिबद्धता से सभी को प्रभावित किया है। जानें उनके विचार और क्रिकेट के प्रति उनकी सोच।
 

सिराज की शानदार गेंदबाजी

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में मोहम्मद सिराज की बेहतरीन प्रदर्शन की सराहना की। सिराज की वजह से ही पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला 2-2 से बराबर हुई, क्योंकि उन्होंने अंतिम टेस्ट के पांचवें दिन भारत को हार के कगार से वापस खींच लिया। जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में, सिराज ने भारत की तेज गेंदबाजी का नेतृत्व किया और एक ही श्रृंखला में दो बार पांच विकेट लिए।


सिराज का प्रदर्शन

जब बुमराह को आराम दिया गया, तब मोहम्मद सिराज ने सभी पांच टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 185.3 ओवर फेंके, जो श्रृंखला में किसी भी गेंदबाज द्वारा सबसे अधिक है। उनकी मैच जीतने वाली गेंदबाजी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दर्ज होगी, क्योंकि भारत ने केवल 6 रन से जीत हासिल की।


गावस्कर की राय

इंडिया टुडे से बात करते हुए, सुनील गावस्कर ने सिराज की दृढ़ता और हर मैच में खेलने की इच्छा की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सिराज ने वर्कलोड के मिथक को तोड़ दिया है और खेल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। पूर्व भारतीय कप्तान ने मुख्य कोच गौतम गंभीर को एक सख्त संदेश भी दिया कि जब खिलाड़ी देश के लिए खेल रहे हैं, तो वर्कलोड प्रबंधन कोई बड़ी बात नहीं है।


वर्कलोड प्रबंधन पर सवाल

गावस्कर ने कहा, "बोलर्स मैच जीतते हैं, लेकिन रन भी बनाने होते हैं। भारत ने रन नहीं बनाए, इसलिए वे दो मैच हार गए। सिराज ने अपनी पूरी ताकत से गेंदबाजी की और वर्कलोड के इस विचार को हमेशा के लिए खत्म कर दिया।" उन्होंने यह भी कहा कि खिलाड़ियों को देश के लिए खेलने के दौरान अपनी शारीरिक समस्याओं को भूल जाना चाहिए।


बुमराह की स्थिति

गावस्कर ने बुमराह की चोट को वर्कलोड से नहीं जोड़ा, बल्कि इसे गंभीर चोट बताया। उन्होंने कहा कि बुमराह ने दो टेस्ट मैचों में दो बार पांच विकेट लिए, भले ही भारत जीत नहीं सका।