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सुकन्या समृद्धि योजना: 411 रुपये से 72 लाख रुपये का फंड कैसे बनाएं?

सुकन्या समृद्धि योजना एक बेहतरीन निवेश विकल्प है जो माता-पिता को अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करती है। इस योजना के तहत, नियमित निवेश से आप अपनी बेटी के 21 साल की उम्र में 72 लाख रुपये का फंड बना सकते हैं। जानें कैसे 411 रुपये से शुरू करके आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं और टैक्स छूट का भी फायदा ले सकते हैं। इस लेख में हम इस योजना के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
 

सुकन्या समृद्धि योजना

सुकन्या योजना

Sukanya Samriddhi Yojana: हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनकी बेटी का भविष्य सुरक्षित और आर्थिक रूप से मजबूत हो, ताकि उसे शिक्षा या विवाह के लिए किसी पर निर्भर न रहना पड़े। भारत में बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन केंद्र सरकार की ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ (SSY) सबसे भरोसेमंद और आकर्षक विकल्पों में से एक है। यह योजना न केवल आपकी जमा पूंजी को सुरक्षित रखती है, बल्कि इस पर मिलने वाला ब्याज भी अन्य योजनाओं की तुलना में अधिक है।

यदि आप अपनी बेटी के लिए एक बड़ा फंड बनाना चाहते हैं, तो अक्टूबर-दिसंबर 2025 की तिमाही के लिए निर्धारित 8.2% की ब्याज दर आपके इस सपने को साकार कर सकती है। आइए जानते हैं कि कैसे एक नियमित निवेश के माध्यम से आप अपनी बेटी के 21 साल की उम्र में उसके हाथ में लगभग 72 लाख रुपये की राशि रख सकते हैं।

कैसे बनेगा 72 लाख रुपये का फंड?

निवेशकों को अक्सर लगता है कि करोड़ों या लाखों का फंड बनाने के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता होती है, लेकिन सुकन्या समृद्धि योजना में ‘कंपाउंडिंग’ यानी चक्रवृधि ब्याज का जादू काम करता है। इस योजना का सबसे बड़ा आकर्षण इसका मेच्योरिटी नियम है। आपको केवल 15 वर्षों तक पैसे जमा करने होते हैं, जबकि योजना 21 साल में मेच्योर होती है। इसका मतलब है कि अंतिम 6 वर्षों में आप एक भी रुपया जमा नहीं करते, फिर भी आपकी जमा राशि पर ब्याज मिलता रहता है।

72 लाख रुपये का कैलकुलेशन

  1. निवेश की राशि: यदि आप हर वित्तीय वर्ष में अधिकतम सीमा यानी 1.50 लाख रुपये (सालाना) जमा करते हैं।
  2. निवेश की अवधि: आपको यह निवेश लगातार 15 साल तक करना होगा।
  3. कुल जमा पूंजी: 15 वर्षों में आपकी जेब से कुल 22,50,000 रुपये जमा होंगे।
  4. ब्याज दर: मौजूदा 8.2% की दर (सालाना कंपाउंडेड) के अनुसार गणना।

जब यह खाता 21 साल बाद मेच्योर होगा, तो ब्याज के रूप में आपको लगभग 49,32,119 रुपये मिलेंगे। इस प्रकार, आपकी जमा मूल राशि (22.5 लाख) और ब्याज (49.32 लाख) को मिलाकर कुल मेच्योरिटी राशि 71,82,119 रुपये हो जाएगी। यह राशि आपकी बेटी की उच्च शिक्षा या विवाह के खर्चों को पूरा करने के लिए एक मजबूत आधार साबित होगी।

सरकार की गारंटी

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत शुरू की गई इस योजना की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश में सुकन्या समृद्धि खातों की संख्या 4 करोड़ के पार जा चुकी है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में बताया कि इस योजना के तहत अब तक 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की जा चुकी है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि देश के अभिभावक अपनी बेटियों के भविष्य को लेकर कितने जागरूक हैं और उन्हें सरकारी गारंटी वाली इस योजना पर कितना भरोसा है।

चूंकि यह एक सरकारी योजना है, इसलिए इसमें बाजार के जोखिम का खतरा नहीं होता। सरकार हर तिमाही में ब्याज दरों की समीक्षा करती है। वर्तमान में अक्टूबर से दिसंबर 2025 की तिमाही के लिए 8.2% की ब्याज दर लागू है, जो सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) के साथ संयुक्त रूप से सबसे अधिक है।

टैक्स छूट का लाभ

सुकन्या समृद्धि योजना केवल एक निवेश का साधन नहीं है, बल्कि यह टैक्स बचाने का भी एक बेहतरीन विकल्प है। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, इस योजना में जमा की गई राशि पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है। हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह टैक्स लाभ केवल उन करदाताओं के लिए उपलब्ध है जो ‘पुरानी टैक्स व्यवस्था’ का विकल्प चुनते हैं।

इसके अलावा, इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता इसका ‘EEE’ (Exempt-Exempt-Exempt) मॉडल है। इसका मतलब है कि जो ब्याज आप कमाते हैं और मेच्योरिटी पर जो राशि आपको मिलती है, वह पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है।

खाता खोलने के नियम

इस योजना में लचीलापन भी काफी है। जरूरी नहीं कि आप हर साल डेढ़ लाख रुपये ही जमा करें। आप केवल 250 रुपये से खाता खोल सकते हैं और अपनी सुविधानुसार 50 रुपये के गुणक में राशि बढ़ा सकते हैं। एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये जमा करना अनिवार्य है, अन्यथा खाता डिफ़ॉल्ट हो सकता है। यह खाता 10 वर्ष से कम उम्र की बालिका के नाम पर उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है.