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सीबीआई ने लोकपाल को महुआ मोइत्रा के खिलाफ रिपोर्ट सौंपी

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा और उद्योगपति दार्शन हिरानंदानी के खिलाफ 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में अपनी रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी है। इस मामले में आरोप है कि मोइत्रा ने रिश्वत लेकर अपने संसदीय विशेषाधिकारों का दुरुपयोग किया और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगे की कार्रवाई के बारे में।
 

महुआ मोइत्रा और दार्शन हिरानंदानी पर आरोप

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा और उद्योगपति दार्शन हिरानंदानी के खिलाफ कथित 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में अपनी रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी है। यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है, जिसे सीबीआई ने 21 मार्च 2024 को लोकपाल की सिफारिश पर दर्ज किया था।


महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने न केवल अपने संसदीय विशेषाधिकारों का दुरुपयोग किया, बल्कि दार्शन हिरानंदानी से रिश्वत और अन्य अनुचित लाभ लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डाला। एजेंसी ने मामले की जांच पूरी कर ली है और अब लोकपाल आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेगा।


महुआ मोइत्रा, जो पिछले लोकसभा में कृष्णानगर से सांसद थीं, को दिसंबर 2023 में 'अनैतिक आचरण' के लिए सदन से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसके बावजूद, 2024 के आम चुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार अमृता रॉय को हराकर अपनी सीट बरकरार रखी।


लोकपाल, जो भ्रष्टाचार के मामलों की निगरानी करता है, ने इस जांच की शुरुआत भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर की थी। दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने दुबई स्थित उद्योगपति दार्शन हिरानंदानी से नकद और उपहार लिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उद्योगपति गौतम अडानी को लक्षित करने के लिए लोकसभा में कुछ प्रश्न पूछे।