सीबीआई ने कानपुर के अस्पतालों पर सीजीएचएस बिल में अनियमितताओं का मामला दर्ज किया
सीबीआई की कार्रवाई
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कानपुर में दो अस्पतालों के खिलाफ सीजीएचएस बिल और भुगतान में कथित अनियमितताओं के लिए मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की।
सूत्रों के अनुसार, इन अस्पतालों ने ऐसे मरीजों के लिए बिल जारी किए हैं जो वास्तव में वहां भर्ती नहीं हुए थे।
जांच रिपोर्ट की गंभीरता
सीजीएचएस निदेशालय द्वारा की गई एक जांच में गंभीर अनियमितताएं, बुनियादी ढांचे की कमी और पैनल में शामिल होने के मानदंडों का उल्लंघन पाया गया, जिसके बाद सीबीआई ने कानपुर के रजनी अस्पताल और टॉरस अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की।
सीजीएचएस योजना का विवरण
केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को रियायती चिकित्सा सेवाएं प्रदान करती है, जिसके लिए सभी अस्पतालों को सरकार द्वारा भुगतान किया जाता है, जिसमें निजी अस्पताल भी शामिल हैं।
रजनी अस्पताल की स्थिति
जांच समिति ने रजनी अस्पताल में बुनियादी ढांचे की कमी, चिकित्सा सुविधाओं की कमी और आवश्यक उपकरणों की अनुपलब्धता की ओर इशारा किया।
अस्पताल ने बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल मानकों का पालन किए बिना सेवाएं प्रदान कीं, फिर भी उसने अधिक भुगतान के दावे किए और बिना उचित जांच के भुगतान प्राप्त किया।
रिपोर्ट में खुलासे
रिपोर्ट में कहा गया है, 'जांच समिति ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के रिकॉर्ड की समीक्षा की, जिससे पता चला कि कानपुर के रजनी अस्पताल ने कुल 39.34 करोड़ रुपये का दावा किया है, जिसमें से 27 करोड़ रुपये का भुगतान जून 2021 से अब तक सीजीएचएस, कानपुर से किया गया है।'
टॉरस अस्पताल की जांच
टॉरस अस्पताल के मामले में, रिपोर्ट में स्वामित्व परिवर्तन के बाद चिकित्सा दावों में अचानक वृद्धि और संदिग्ध बिलिंग के मामलों का उल्लेख किया गया है।
प्राथमिकी में कहा गया है, 'जांच रिपोर्ट के अनुसार, टॉरस अस्पताल को विभिन्न सीजीएचएस लाभार्थियों के चिकित्सा दावों के लिए 2024-25 के दौरान 1.24 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है।'