सीबीआई ने 40 साल से फरार अपराधी को किया गिरफ्तार
बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को सतीश कुमार आनंद नामक एक अपराधी को गिरफ्तार किया, जो पिछले चार दशकों से बैंक धोखाधड़ी के मामले में फरार था।
सीबीआई ने बताया कि आनंद को 1985 में बैंक ऑफ इंडिया से 5.69 लाख रुपये की धोखाधड़ी के लिए दोषी ठहराया गया था और उसे पांच साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन वह लगातार जांचकर्ताओं से बचता रहा।
गिरफ्तारी की जानकारी
70 वर्षीय आनंद को उत्तरी दिल्ली के रोहिणी से पकड़ा गया और बाद में देहरादून में एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
धोखाधड़ी का मामला
यह धोखाधड़ी का मामला 1977 का है, जिसमें आरोप है कि बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने आनंद के साथ मिलकर बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश की थी।
जाली रसीदों के आधार पर एक निजी कंपनी को ऋण दिया गया, जिसमें माल की आपूर्ति गलत तरीके से दर्शाई गई, जिससे बैंक को नुकसान हुआ और आनंद को 5.69 लाख रुपये का लाभ मिला।
अदालत का फैसला
सीबीआई ने 5 मई 1978 को बैंक के शाखा प्रबंधक, आनंद और एक अन्य आरोपी अशोक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया।
विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) की अदालत ने 19 जून 1985 को बैंक शाखा प्रबंधक को बरी कर दिया, लेकिन आनंद और कुमार को दोषी ठहराते हुए उन्हें पांच साल की कठोर सजा और 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
फरार होने के बाद की स्थिति
सजा सुनाए जाने के बाद आनंद फरार हो गया, जिसके चलते अदालत ने 30 नवंबर 2009 को उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि आनंद गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार अपना ठिकाना बदलता रहा, लेकिन सीबीआई को तब सफलता मिली जब उसे आनंद के बेटे के नाम पर पंजीकृत एक मोबाइल नंबर मिला।