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सीजीएसटी अधिकारी रतिराम मीणा पर सीबीआई की कार्रवाई: संपत्ति में हुई भारी वृद्धि

सीजीएसटी के सहायक आयुक्त रतिराम मीणा के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, जिसमें उनकी संपत्ति में अवैध वृद्धि का आरोप लगाया गया है। अगस्त 2018 में 51.73 लाख रुपये की संपत्ति रखने वाले मीणा की संपत्ति अगस्त 2025 तक 4.08 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। जांच में पता चला है कि उन्होंने अपने परिवार के नाम पर कई कंपनियां चलाईं और अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की। सीबीआई अब उनकी संपत्ति के स्रोतों की गहन जांच कर रही है।
 

सीबीआई ने दर्ज किया मामला

जयपुर: केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग (CGST) के सहायक आयुक्त रतिराम मीणा के खिलाफ शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया है। मीणा ने अगस्त 2018 में लगभग 51.73 लाख रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी, लेकिन अगस्त 2025 तक उनकी संपत्ति बढ़कर 4.08 करोड़ रुपये से अधिक हो गई। इस प्रकार, सात वर्षों में उनकी संपत्ति लगभग आठ गुना बढ़ गई।


अवैध संपत्ति का मामला

सीबीआई के अनुसार, रतिराम मीणा ने जयपुर और अहमदाबाद में CGST कार्यालयों में लगभग सात वर्षों तक (अगस्त 2018 से अगस्त 2025) कार्य किया। इस दौरान उन्होंने लगभग 2.54 करोड़ रुपये की संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की, जो उनकी ज्ञात आय के स्रोतों से लगभग 100 प्रतिशत अधिक थी।


जांच में सामने आए तथ्य

जांच में यह भी पता चला कि मीणा ने अपने परिवार (पत्नी और बेटे) के नाम पर कई फर्म, एलएलपी और कंपनियां चलाईं, जिनका उपयोग कथित तौर पर अवैध धन को रूट करने के लिए किया गया। तलाशी के दौरान जयपुर, अंकलेश्वर (गुजरात) और अहमदाबाद में छापे मारे गए, जहां लगभग 35 लाख रुपये मूल्य के सोने-चांदी के आभूषण बरामद हुए।


राजस्थान में संपत्तियों का खुलासा

इसके अतिरिक्त, मीणा और उनके परिवार के नाम पर राजस्थान में कई अचल संपत्तियां पाई गईं। उनके पास एक पोर्श और एक जीप कम्पास जैसी लग्जरी गाड़ियां भी थीं। परिवार के सदस्यों के नाम पर दो बैंक लॉकर भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है।


मामले का उद्भव

संपत्ति-आय अनुपात का विश्लेषण किया गया, और अधिकारी द्वारा आय स्रोतों के संदर्भ में वृद्धि को संतोषजनक रूप से साबित नहीं किया गया।


कानूनी पहलू

कानून के अनुसार, यदि कोई सरकारी अधिकारी अपनी आय के मुकाबले अत्यधिक संपत्ति अर्जित करता है और उसके स्रोत स्पष्ट नहीं होते, तो यह अवैध संपत्ति का मामला बन सकता है। सीबीआई अब संपत्ति के मूल स्रोतों, फर्मों-एलएलपी की पेपरवर्क, बैंक ट्रांजेक्शन्स, लॉकरों की सामग्री, और वाहन-खरीद की जानकारी की जांच करेगी।