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सीआईडी ने ज़ुबीन गर्ग की मौत के मामले में NEIF प्रबंधक पर नई जांच शुरू की

असम पुलिस की CID ने NEIF प्रबंधक श्यामकानू महंता के खिलाफ ज़ुबीन गर्ग की मौत के मामले में नई जांच शुरू की है। छापेमारी के दौरान जाली दस्तावेज़ और PAN कार्ड बरामद हुए हैं, जो बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी का संकेत देते हैं। CID ने महंता की संपत्तियों और बैंक खातों को फ्रीज करने की सिफारिश की है। इस मामले में महंता का पारिवारिक संबंध भी जांच का हिस्सा है।
 

जांच की शुरुआत


गुवाहाटी, 28 सितंबर: असम पुलिस की CID ने सांस्कृतिक प्रतीक ज़ुबीन गर्ग की मौत के मामले में NEIF प्रबंधक श्यामकानू महंता के खिलाफ नई जांच शुरू की है।


महंता के निवास और कार्यालय पर छापेमारी के दौरान, जांचकर्ताओं ने जाली दस्तावेज़, जिसमें एक ही कंपनी के लिए डुप्लिकेट PAN कार्ड और विभिन्न सरकारी अधिकारियों और फर्मों के 28 मुहरें शामिल थीं, जब्त की।


जांच के दौरान मिली सामग्री

CID ने गुरुवार और शुक्रवार को दो दिन की खोज अभियान चलाया, जिसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी और जालसाजी के संकेत देने वाले "साक्ष्य" सामग्री बरामद की।


महंता की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी "Trend MMS" के नाम पर जारी PAN कार्ड में विभिन्न नंबर थे। जांचकर्ताओं ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी के इरादे और वित्तीय रिकॉर्ड में हेरफेर का संकेत देता है, जिससे संभावित धन शोधन का संदेह होता है।


जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप

CID की FIR में उल्लेख किया गया है कि एक ही इकाई के नाम पर कई PAN कार्ड का होना जानबूझकर छिपाने और संदिग्ध धन को साफ दिखाने का संकेत देता है।


इसके अलावा, अधिकारियों ने विभिन्न कंपनियों और सरकारी विभागों की 28 जाली मुहरें भी बरामद कीं।


CID ने यह भी देखा कि ये सामग्री महंता की "जालसाजी, पहचान की चोरी, और आधिकारिक दस्तावेजों के निर्माण" में संलिप्तता का संकेत देती हैं।


संभावित वित्तीय अपराध

FIR में कहा गया है कि यह बरामदगी एक संगठित वित्तीय अपराध और एक सुव्यवस्थित साजिश का मजबूत संकेत देती है, जिसमें विभिन्न न्यायालयों के दायरे में प्रभाव पड़ता है।


इसके अलावा, असम और अरुणाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत निर्माण परियोजनाओं से जुड़े दस्तावेज भी महंता के परिसर में पाए गए, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग का संदेह बढ़ गया।


आगे की कार्रवाई

CID के वरिष्ठ एसपी आशिफ अहमद ने महंता की alleged वित्तीय अनियमितताओं की अलग से जांच की मांग की है, जिसमें उनकी संपत्तियों और बैंक खातों को फ्रीज करने और सभी लेनदेन की जांच करने की सिफारिश की गई है।


CID मुख्यालय ने बाद में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और अतिरिक्त एसपी मोरामी दास को जांच अधिकारी नियुक्त किया।


यह सब तब हो रहा है जब CID 19 सितंबर को सिंगापुर में गर्ग की मौत की जांच कर रही है, जिसके लिए असम में महंता, NEIF के आयोजक, और लगभग 10 अन्य लोगों के खिलाफ 60 से अधिक FIR दर्ज की गई हैं।


महंता का पारिवारिक संबंध

जाली PAN कार्ड और सरकारी मुहरों की बरामदगी के साथ, इस मामले में वित्तीय पहलू अब मुख्य केंद्र में आ गया है, जिससे महंता के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ गया है।


महंता पूर्व असम DGP भास्कर ज्योति महंता और गुवाहाटी विश्वविद्यालय के उपकुलपति नानी गोपाल महंता के छोटे भाई हैं।