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सियाचिन में भारतीय सेना ने बचाया भालू का जीवन, जानें पूरी कहानी

भारतीय सेना ने सियाचिन ग्लेशियर में एक हिमालयी भूरे भालू के बच्चे का सफल रेस्क्यू किया। भालू का सिर एक टिन के डिब्बे में फंस गया था, जिससे वह कई दिनों तक भूखा-प्यासा भटकता रहा। जवानों ने उसकी पीड़ा को देखकर तुरंत एक्शन लिया और उसे सुरक्षित स्थान पर लाकर उसका नाम 'बहादुर' रखा। यह घटना भारतीय सैनिकों की संवेदनशीलता और साहस को दर्शाती है। जानें इस दिल छूने वाली कहानी के बारे में और अधिक।
 

भालू का रेस्क्यू

भालू का रेस्क्यू

भारतीय सेना की वीरता के किस्से तो आम हैं, लेकिन यह सेना केवल युद्ध में ही नहीं, बल्कि मानवता की सेवा में भी आगे रहती है। हाल ही में, सियाचिन ग्लेशियर में तैनात जवानों ने एक हिमालयी भूरे भालू के बच्चे की जान बचाकर एक नई मिसाल पेश की। भालू का सिर एक टिन के डिब्बे में फंस गया था, जिससे वह कई दिनों तक भूखा-प्यासा बर्फीले इलाके में भटकता रहा।

भालू का मुंह इस तरह से फंसा था कि वह कुछ देख नहीं पा रहा था।

सेना ने तुरंत किया रेस्क्यू

भारतीय सेना के जवान अक्सर इस भालू और उसकी मां को खाना देते थे, लेकिन कुछ दिनों से वे दिखाई नहीं दिए। जब एक जवान ने भालू को देखा, तो वह परेशान होकर इधर-उधर घूम रहा था। जवानों ने उसकी स्थिति को देखकर तुरंत एक्शन लिया।

पोस्ट का हिस्सा बना बहादुर

रेस्क्यू के बाद ‘बहादुर’ अब पोस्ट का एक हिस्सा बन गया है और समय-समय पर वहां आता है। यह घटना सियाचिन में तैनात भारतीय सैनिकों की संवेदनशीलता और साहस को दर्शाती है। इसके अलावा, भालू के लिए सैनिक कुत्ते भी बांधकर रखते हैं।