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सिद्धारमैया ने मंत्रिमंडल फेरबदल की अफवाहों को किया खारिज

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उनकी रात्रिभोज बैठक केवल एक सामान्य आयोजन थी और इसका किसी राजनीतिक कदम से कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल के 2.5 वर्ष पूरे करने जा रही है, जिसके चलते संभावित बदलावों की चर्चा हो रही है। इस बीच, भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने के लिए रणनीतियों पर भी चर्चा की जा सकती है। जानें इस बैठक के पीछे की सच्चाई और क्या है आगामी चुनावों की तैयारी।
 

मुख्यमंत्री का स्पष्टीकरण

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों को नकारते हुए कहा कि कैबिनेट सहयोगियों के साथ उनकी रात्रिभोज बैठक एक सामान्य आयोजन थी, जिसका किसी राजनीतिक कदम से कोई संबंध नहीं है। बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए, उन्होंने स्पष्ट किया कि इस रात्रिभोज का मंत्रिमंडल में बदलाव से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं अक्सर रात्रिभोज का आयोजन करता हूँ और मैंने काफी समय से इसकी मेज़बानी नहीं की थी, इसलिए आज मैंने आमंत्रित किया। यह रात्रिभोज केवल आपके और भाजपा के लोगों के लिए खास है।"


राजनीतिक अटकलें और चुनावी तैयारी

कांग्रेस सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के 2.5 वर्ष पूरे करने जा रही है, जिसके चलते मंत्रिमंडल में संभावित बदलावों और "नवंबर क्रांति" की चर्चाएं तेज हो गई हैं। कुछ लोग इस मुहावरे का उपयोग राज्य में सत्ता परिवर्तन के संकेत के रूप में कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "क्या हमें मिलना नहीं चाहिए? मुझे समझ नहीं आ रहा। मीडिया ने हमारी डिनर पर हुई मुलाकात को अपराध बना दिया है।" उन्होंने कहा कि बैठक में आगामी तालुका, जिला पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों पर चर्चा होने की संभावना है।


भ्रष्टाचार के आरोपों पर चर्चा

हाल ही में कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया था कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कमीशन की मांग दोगुनी हो गई है, जिससे भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने की रणनीतियों पर भी चर्चा हो सकती है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, जो संभावित नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों का विषय रहे हैं, ने इस सप्ताहांत फेरबदल की चर्चा को केवल एक अफवाह बताया। सिद्धारमैया के करीबी सूत्रों का कहना है कि किसी भी फेरबदल से उनके अधिकार और निरंतरता पर जोर दिया जाएगा, लेकिन दोनों नेताओं ने कांग्रेस सरकार के भीतर किसी भी आंतरिक दरार के संकेत को कम करने की कोशिश की है।