सिद्धारमैया ने भाजपा नेताओं के सर्वेक्षण विरोध पर किया पलटवार
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा नेताओं के सर्वेक्षण विरोध पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे पाखंडी और मनुवादी मानसिकता से प्रेरित बताया, जबकि भाजपा नेताओं ने सर्वेक्षण के उद्देश्य और डेटा सुरक्षा पर चिंता जताई है। इस विवाद में कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
Sep 30, 2025, 13:40 IST
सिद्धारमैया का बयान
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा नेताओं द्वारा चल रहे सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण के विरोध पर तीखा हमला किया। उन्होंने इसे पाखंडी और मनुवादी मानसिकता से प्रेरित बताया। सिद्धारमैया ने एक पोस्ट में कहा कि यह सर्वेक्षण किसी विशेष समूह के खिलाफ नहीं है, बल्कि सभी सात करोड़ निवासियों के लिए समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए है। उन्होंने मनुवाद की विचारधारा की आलोचना करते हुए कहा कि यह धन, अवसर और प्रतिनिधित्व को कुछ हाथों में सीमित रखती है, जिससे गरीब और पिछड़े वर्ग के लोग वंचित रह जाते हैं।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
सिद्धारमैया ने भाजपा नेताओं के विरोध को प्रतिगामी विचारधारा से प्रेरित बताया, जिसमें धन और अवसर केवल विशेषाधिकार प्राप्त जातियों और धर्मों तक सीमित रखने की सोच है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे राजनीति से प्रेरित भ्रामक बयानों को नजरअंदाज करें और गणनाकर्ताओं के साथ सहयोग करें। कांग्रेस विधान पार्षद रमेश बाबू ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और सांसद तेजस्वी सूर्या के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, यह आरोप लगाते हुए कि उनकी टिप्पणियों ने ओबीसी अधिकारों को कमजोर किया है।
भाजपा का विरोध
भाजपा नेताओं ने सर्वेक्षण के उद्देश्य और डेटा सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। तेजस्वी सूर्या ने लोगों से इसका बहिष्कार करने का आग्रह किया और इसे अवैध और राजनीति से प्रेरित बताया। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि व्यक्तिगत जानकारी अनावश्यक रूप से एकत्र की जा रही है और यह दावा किया कि डेटा बेचा जा सकता है। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी जाति सर्वेक्षण के खिलाफ नहीं है, लेकिन कांग्रेस सरकार के विभाजनकारी इरादों का विरोध करती है।