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सिंधु जल संधि पर भारत का स्पष्ट रुख, सीआर पाटिल ने दी प्रतिक्रिया

केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के निर्णय का समर्थन किया है। उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की धमकियों का जवाब देते हुए कहा कि भारत धमकियों से नहीं डरता। इसके अलावा, उन्होंने बांग्लादेश के साथ तीस्ता नदी संधि के विवाद और चीन की गतिविधियों पर भी अपने विचार साझा किए। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर और क्या कहा गया।
 

सिंधु जल संधि पर सरकार का समर्थन

सिंधु जल संधि: केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के निर्णय का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “हम भारत सरकार के निर्णय के साथ हैं। जल संधि को स्थगित किया गया है और यह अंतिम है। पाकिस्तान से प्राप्त पत्र सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है, इससे आगे कुछ नहीं हुआ है।” उन्होंने यह भी बताया कि जल शक्ति मंत्रालय ने जल संरक्षण के लिए अब तक कोई धनराशि खर्च नहीं की है। कई निजी कंपनियां और संगठन अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस दिशा में काम कर रहे हैं।


बिलावल भुट्टो को दिया गया जवाब

बिलावल को करारा जवाब


जब सीआर पाटिल से पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा दी गई धमकी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “पानी कहीं नहीं जा रहा है। बिलावल क्या कहते हैं, वे भी धमकियां दे रहे थे। लेकिन भारत धमकियों से नहीं डरता।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सिंधु जल संधि को फिर से बहाल नहीं किया जाएगा और सरकार अब भी इसी रुख पर कायम है।


तीस्ता विवाद और चीन पर सीआर पाटिल की टिप्पणी

तीस्ता विवाद और चीन पर भी बोले पाटिल


जब सीआर पाटिल से बांग्लादेश के साथ तीस्ता नदी संधि के विवाद के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में वर्तमान में स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि इस पर बातचीत कब शुरू होगी।” ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की संभावित गतिविधियों के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह अभी केवल अटकलें हैं। “अगर ऐसा कुछ होता है तो हम इसके लिए कदम उठाएंगे।”


पाकिस्तान की नई चेतावनी

हाल ही में, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत को चेतावनी दी थी कि यदि भारत ने पानी का बंटवारा निष्पक्ष तरीके से नहीं किया, तो पाकिस्तान सिंधु नदी प्रणाली की सभी छह नदियों के पानी पर दावा करेगा।