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सावन में कांवड़ यात्रा की तैयारी: मुख्यमंत्री ने की उच्चस्तरीय बैठक

सावन के आगमन के साथ कांवड़ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि धार्मिक आयोजनों को श्रद्धा और सुरक्षा के साथ आयोजित किया जाए। इस दौरान कांवड़ यात्रा, श्रावण शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन जैसे पर्व मनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों को सतर्क रहने और श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने की बात कही। जानें इस बैठक में और क्या निर्देश दिए गए हैं।
 

सावन की शुरुआत और कांवड़ यात्रा

सावन का महीना देश में आने वाला है, जिसके साथ कांवड़ यात्रा की तैयारियां भी शुरू हो जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी त्योहारों के संदर्भ में कानून-व्यवस्था, सामंजस्यपूर्ण माहौल और जनसुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की।


बैठक में सभी पुलिस आयुक्तों, संभागीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी धार्मिक आयोजनों को श्रद्धा, सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव के साथ आयोजित किया जाए और प्रशासनिक तंत्र को पूरी संवेदनशीलता और सतर्कता के साथ कार्य करना चाहिए।


पवित्र श्रावण मास की जानकारी

11 जुलाई से नौ अगस्त तक पवित्र श्रावण मास रहेगा


मुख्यमंत्री ने बताया कि 11 जुलाई से 9 अगस्त तक पवित्र श्रावण मास रहेगा, जिसमें कांवड़ यात्रा, श्रावण शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन जैसे पर्व मनाए जाएंगे। इसी दौरान 27 जून से 8 जुलाई तक जगन्नाथ रथ यात्रा और 27 जून से 6-7 जुलाई तक मुहर्रम के आयोजन भी संभावित हैं। उन्होंने कहा कि यह अवधि प्रदेश की कानून-व्यवस्था, चिकित्सा, स्वच्छता, शिक्षा और आपदा प्रबंधन के लिए अत्यंत संवेदनशील है।


कांवड़ यात्रा के आयोजन के लिए निर्देश

कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण और गरिमामय आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री ने विशेष निर्देश दिए


मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा आस्था, अनुशासन और उल्लास का प्रतीक है। उत्तराखंड सीमा से सटे जनपदों जैसे गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, अयोध्या, प्रयागराज, काशी, बाराबंकी और बस्ती में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर डीजे, ढोल-ताशा और संगीत की ध्वनि निर्धारित मानकों के अनुसार होनी चाहिए।


कानफोड़ू आवाज, भड़काऊ नारे और परंपरा से इतर रूट परिवर्तन किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होंगे।


गरीबों का आश्रय उजाड़ना नहीं होगा सहन

गरीबों का आश्रय उजाड़ना कदापि स्वीकार्य नहीं होगा


मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि किसी शोभायात्रा के लिए पेड़ काटना, झुग्गियां हटाना या गरीबों का आश्रय उजाड़ना कदापि स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धार्मिक यात्राओं में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन और धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक उपयोग सौहार्द को खंडित करने वाले तत्व हैं, जिन पर पूरी सख्ती से रोक लगनी चाहिए।


सोशल मीडिया की निगरानी और आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित करने की बात भी कही।


सभी जनपदों को सतर्क रहने का निर्देश

सभी जनपदों को सतर्क रहने का निर्देश


मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं, जिनमें वेश बदलकर अराजक तत्वों के शामिल होने की आशंका रहती है। इस संदर्भ में सभी जनपदों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। स्थानीय प्रशासन को कांवड़ संघों के साथ संवाद बनाए रखने और सभी व्यवस्थाओं की पूर्व समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।


श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान

श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है


मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है, लेकिन किसी शरारती तत्व को अवसर नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कांवड़ यात्रा मार्ग पर मांस आदि की बिक्री पर रोक लगाने और यात्रा मार्गों की स्वच्छता, रोशनी, पेयजल, शौचालय एवं प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।


मुहर्रम के आयोजनों के लिए निर्देश

मुहर्रम के आयोजनों के लिए भी मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए


मुख्यमंत्री ने तय कीमत से अधिक पर खाद बेचने की शिकायतों पर चिंता व्यक्त की और संबंधित जिलाधिकारी को औचक निरीक्षण करने तथा दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मुहर्रम के आयोजनों के लिए भी उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में हुई दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।