×

सामुलु पांगी की अद्भुत प्रेम कहानी: पत्नी के शव को कंधे पर लेकर चलने की दास्तान

ओडिशा के नबरंगपुर जिले में सामुलु पांगी ने अपनी पत्नी के शव को कंधे पर उठाकर 80 किलोमीटर का सफर तय किया। यह कहानी न केवल उनके प्रेम की है, बल्कि मानवता की भी। जब पुलिस ने उनकी मदद की, तो यह साबित हुआ कि आज भी संवेदनाएं जीवित हैं। जानें इस प्रेरणादायक घटना के बारे में।
 

एक अद्भुत प्रेम कहानी


ओडिशा के नबरंगपुर जिले के एक छोटे से गांव में सामुलु पांगी और उनकी पत्नी ईदे गुरे का जीवन बहुत साधारण था। उनके सपने छोटे थे, लेकिन एक दिन, उनकी जिंदगी में एक भयानक मोड़ आया। ईदे की तबियत अचानक बिगड़ गई, और सामुलु ने उन्हें आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के एक अस्पताल में ले जाने का निर्णय लिया, जो उनके गांव से लगभग 100 किलोमीटर दूर था।


डॉक्टरों ने ईदे का इलाज करने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया। अंततः, डॉक्टरों ने सामुलु को सलाह दी कि वह अपनी पत्नी को घर ले जाएं, क्योंकि अब इलाज की कोई उम्मीद नहीं थी। सामुलु ने एक ऑटो रिक्शा किराए पर लिया और अपनी बीमार पत्नी के साथ घर की ओर रवाना हो गया।


रास्ते में, ईदे ने अपनी अंतिम सांस ली। ऑटो चालक, जो शायद डर गया था, ने उन्हें बीच रास्ते में ही उतार दिया और चला गया। अब सामुलु अकेला था, उसके पास उसकी पत्नी का शव था और घर तक का सफर लगभग 80 किलोमीटर लंबा था।


उसके पास कोई विकल्प नहीं था। न कोई गाड़ी, न कोई मदद, और उसकी पत्नी का शव सड़क पर नहीं छोड़ सकता था। प्यार और कर्तव्य ने उसे वह शक्ति दी जो किसी भी इंसान में होती है। उसने अपनी पत्नी के शव को अपने कंधे पर उठाया और पैदल ही घर की ओर चल पड़ा।


वह कई किलोमीटर तक चलता रहा। सूरज ढल चुका था और रात का अंधेरा छाने लगा था, लेकिन उसके कदम नहीं रुके। वह केवल अपने गांव पहुंचना चाहता था, ताकि अपनी पत्नी का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार कर सके।


जब वह काफी दूर चल चुका था, तब एक पुलिस गश्ती दल ने उसे देखा। पुलिसकर्मी यह देखकर चकित रह गए कि एक व्यक्ति अपनी पत्नी का शव कंधे पर उठाए चल रहा है। उन्होंने तुरंत सामुलु को रोका और उसकी कहानी सुनी। मानवता का परिचय देते हुए, पुलिसकर्मियों ने तुरंत एम्बुलेंस को बुलाया और शव को उसके गांव तक पहुंचाने का प्रबंध किया।


यह कहानी केवल एक व्यक्ति के संघर्ष की नहीं है, बल्कि यह उन मानवीय भावनाओं की भी है जो आज भी जीवित हैं। यह उस प्रेम की कहानी है जो मृत्यु के बाद भी अपने कर्तव्य को नहीं छोड़ता। और यह समाज के लिए एक दर्पण है, जो अक्सर ऐसी परिस्थितियों में लोगों को अकेला छोड़ देता है।