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साध्वी प्रज्ञा ने मालेगांव विस्फोट मामले में बरी होने पर जताई खुशी

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी होने के बाद इसे भगवा और राष्ट्र की जीत बताया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने इस मामले को राजनीतिक लाभ के लिए गढ़ा। समीर कुलकर्णी ने भी अदालत का धन्यवाद किया और तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया। अदालत ने सभी आरोपियों को बरी करते हुए पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने का आदेश दिया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

साध्वी प्रज्ञा का बयान

2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी होने के बाद, पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने इसे भगवा, सनातन और राष्ट्र की जीत बताया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने राजनीतिक लाभ के लिए इस मामले को गढ़ा और राष्ट्रवादियों को बदनाम किया। ठाकुर ने कहा कि वह देश की सेवा में कठिनाइयों का सामना करती रहेंगी। एएनआई से बातचीत में, उन्होंने कहा कि यह भगवा, सनातन और राष्ट्र की विजय है। मुझे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन मैं भविष्य में देश के लिए हर संभव प्रयास करती रहूँगी। 


कांग्रेस पर साध्वी प्रज्ञा के आरोप

पूर्व भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने मामले को झूठा साबित किया और यह निराधार था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा आतंकवादियों के लिए सम्मानजनक शब्दों का उपयोग करती है और यह राष्ट्र-प्रेमी पार्टी नहीं बन सकती। इस बीच, शुक्रवार को, बरी हुए आरोपियों में से एक, समीर कुलकर्णी ने एनआईए अदालत का धन्यवाद किया और तत्कालीन कांग्रेस-नीत महाराष्ट्र सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।


समीर कुलकर्णी का बयान

समीर कुलकर्णी ने एएनआई को बताया कि उन्होंने अदालत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह कानूनी लड़ाई बहुसंख्यक हिंदू समुदाय के स्वाभिमान के लिए थी। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2009 के विधानसभा चुनावों के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण का जघन्य कृत्य किया और निर्दोष पीड़ितों की जान भी नहीं बचा पाए। 31 जुलाई को, मुंबई की विशेष एनआईए अदालत ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। 


अदालत का निर्णय

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा। एनआईए अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी दिया है। पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा, मेजर (रिटायर्ड) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय रहीरकर, सुधांकर धर द्विवेदी (शंकराचार्य) और समीर कुलकर्णी समेत कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था।