सांवली लड़की की शादी टूटने के बाद की अनोखी कहानी
शादी की तैयारी और टूटना
बारात लौट चुकी थी और सभी मेहमान भी घर जा चुके थे। इस बार शादी दहेज के कारण नहीं, बल्कि लड़की के सावले रंग के चलते टूटी थी। श्वेता का पिता सभी के सामने गिड़गिड़ा रहा था। एक पिता हमेशा अपनी बेटी के लिए सम्मानित होना चाहता है।
सगाई के दिन तक लड़के को श्वेता पसंद थी, लेकिन शादी के समय उसने उसे उसके रंग के कारण छोड़ दिया। श्वेता के पिता खाली कुर्सियों के बीच बैठकर रोते रहे। घर में केवल वह और उसकी बेटी श्वेता थे। जब श्वेता पांच साल की थी, तब उसकी मां का निधन हो गया।
अचानक श्वेता के पिता को अपनी बेटी की चिंता हुई। वह दौड़कर श्वेता के कमरे की ओर गए, लेकिन वहां श्वेता मुस्कुराते हुए चाय लेकर आ रही थी। दुल्हन के कपड़ों की जगह उसने सामान्य कपड़े पहने हुए थे। पिता को यह देखकर आश्चर्य हुआ।
पिता और बेटी का रिश्ता
शोक के बजाय श्वेता की मुस्कान ने पिता को चौंका दिया। श्वेता ने कहा, "बाबा, जल्दी चाय पीजिए और यह सब सामान लौटाने का काम करें।" पिता ने अपनी बेटी की खुशी को देखकर कोई सवाल नहीं किया। उन्होंने कहा, "चलो, गाँव वापस चलते हैं।"
कुछ समय बाद, वे गाँव लौट आए। पिता ने फिर से मछली पकड़ने का काम शुरू किया। श्वेता भी अपने पिता के साथ मछली पकड़ने जाने लगी। इधर, लड़के ने एक खूबसूरत गोरी लड़की से शादी कर ली।
एक दिन, लड़का दोस्तों के साथ नदी किनारे मजाक कर रहा था, तभी वह गहरे पानी में गिर गया। उसके दोस्त उसे बचाने की कोशिश करते रहे, लेकिन वह बह गया। एक सुबह, श्वेता के पिता नदी में गए और वहां लड़के को जाल में फंसा पाया।
लड़के का इलाज और श्वेता का प्यार
उन्होंने लड़के को अपने कंधे पर उठाकर घर लाया। काफी मेहनत के बाद लड़के को होश आया, लेकिन वह श्वेता और उसके पिता को देखकर शर्मिंदा हो गया। श्वेता ने कहा, "इसे कुछ दिन रहने दो, जब तक यह ठीक नहीं हो जाता।"
श्वेता ने लड़के की देखभाल की, जिससे लड़के को श्वेता से प्यार हो गया। दोनों के बीच हंसी-मजाक होने लगा। जब लड़के का घाव भर गया, तो उसने श्वेता से कहा, "मैं नहीं जानता कि मैं कौन हूँ, लेकिन तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ।"
श्वेता ने कहा, "आप चिंता मत करो, हम आपको शहर छोड़ देंगे।" लड़के ने पूछा, "क्या आपने कभी किसी से प्यार किया है?" श्वेता ने कहा, "नहीं, लेकिन एक बार मैंने किसी को अपना माना था।"
श्वेता का दर्द और पिता का प्यार
लड़के ने पूछा, "अगर वह लड़का वापस आ जाए तो क्या तुम उसे माफ करोगी?" श्वेता ने कहा, "गलती मेरी थी, इसलिए मैं उसे कैसे माफ कर दूँ?" लड़का खुश हुआ और कहा, "तो इसका मतलब तुम उससे शादी कर सकती हो।"
श्वेता ने कहा, "नहीं, मैं अब उससे शादी नहीं कर सकती।" वह खिड़की की ओर देखने लगी। उसके पिता ने उसकी बातें सुन लीं। श्वेता ने कहा, "मैंने अपने पिता को सबके सामने गिड़गिड़ाते देखा था।"
उसने कहा, "मैंने अपने पिता को अकेले रोते देखा था। वह मेरे लिए सब कुछ हैं।" श्वेता ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा, "मुझे मुस्कुराना था, क्योंकि मेरे पिता मेरे लिए राजा हैं।"
अंतिम निर्णय
लड़का श्वेता के दर्द को सुनकर भावुक हो गया। उसने श्वेता से कहा, "क्या मैं तुम्हें गले लगा सकता हूँ?" श्वेता ने कुछ नहीं कहा। लड़का श्वेता के पिता के पास गया और माफी मांगी।
उसने कहा, "मैंने गुनाह किया है, लेकिन मुझे श्वेता चाहिए।" लड़का श्वेता के पिता से अनुमति मांगता है। श्वेता ने कहा, "हम सिर्फ आपको खुश देखना चाहते हैं।"
आखिरकार, दोनों की शादी उसी घर में हुई जहाँ से लड़के ने श्वेता को ठुकराया था। यह कहानी हमें सिखाती है कि किसी के रंग के आधार पर उसे जज नहीं करना चाहिए।