सांप का जहर और खून: अनोखी परंपराएं और स्वास्थ्य पर प्रभाव
सांप का जहर पीने की परंपरा
क्या आप जानते हैं कि किस देश के लोग सांप का जहर पीते हैं? प्राचीन भारत में, सांप के जहर का सेवन एक विशेष धार्मिक और औषधीय परंपरा का हिस्सा था। इसे धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता था, जहां इसे रस की ज़हरीली शक्तियों के लिए उपयोगी माना जाता था।
सांप का जहर: स्वास्थ्य पर प्रभाव
हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह प्रथा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है, और आजकल यह प्रथा लगभग समाप्त हो चुकी है। सांप के जहर में ऐसे विषैले तत्व होते हैं, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
इसलिए, सांप का जहर कभी भी न लें। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।
स्नेक वाइन: वियतनाम की अनोखी शराब
दक्षिण पूर्व एशिया के वियतनाम में, सांपों से शराब बनाई जाती है, जिसे 'स्नेक वाइन' कहा जाता है। इसे बनाने के लिए सांप को चावल की शराब या चिप्स में डुबोकर रखा जाता है। इसे स्वास्थ्य के लिए जादुई माना जाता है।
सांप का मांस: विभिन्न देशों की परंपराएं
भारत और अन्य देशों के आदिवासी लोग, विशेषकर दक्षिण पूर्व एशिया और चीन में, जहरीले और गैर-जहरीले सांप का मांस बड़े चाव से खाते हैं।
मैंने छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक डॉक्टर को रैट स्नेक खाते हुए देखा है।
वियतनाम के उत्तरी पश्चिम में लोग सांप से बने व्यंजन का सेवन करते हैं, जिससे उनका पाचन सही रहता है और उन्हें दवाइयां नहीं लेनी पड़ती। हनोई से तीन घंटे की दूरी पर येन बाई प्रांत में सांप के कई व्यंजन परोसे जाते हैं, जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं।
सांपों का खून: मान्यताएं और परंपराएं
कई स्थानों पर सांपों का खून पीने की परंपरा है। वहां की महिलाएं मानती हैं कि इससे उनकी सुंदरता बढ़ेगी और वे लंबे समय तक युवा रहेंगी। वहीं, पुरुष इसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानते हैं।
इंडोनेशिया में, विशेषकर जकार्ता में, लोग सांपों का खून चाय या कॉफी की तरह पीते हैं और इसके बाद 4-5 घंटे तक अन्य पेय नहीं लेते।