×

सांगली का इस्लामपुर अब होगा ईश्वरपुर, महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला

महाराष्ट्र सरकार ने सांगली जिले के इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर रखने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह घोषणा विधानसभा में की गई और इसके पीछे हिंदूवादी संगठन शिव प्रतिष्ठान की मांग है। मंत्री छगन भुजबल ने बताया कि यह निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया गया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्रों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। जानें इस निर्णय के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 

सांगली का नाम बदलने की घोषणा

महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी कि सांगली जिले के इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर रखा जाएगा। यह निर्णय राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन लिया गया। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने विधानसभा में बताया कि यह फैसला गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस निर्णय को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजेगी।


 


जानें और: ताजमहल घूमने गए परिवार ने बुजुर्ग को कार में बंद किया, गार्ड ने शीशा तोड़कर निकाला




यह निर्णय हिंदूवादी संगठन शिव प्रतिष्ठान द्वारा सांगली कलेक्टरेट को भेजे गए ज्ञापन के बाद लिया गया, जिसमें इस्लामपुर का नाम बदलने की मांग की गई थी। इस संगठन का नेतृत्व संभाजी भिड़े कर रहे हैं, जिनके समर्थकों ने कहा है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे शांत नहीं बैठेंगे। एक शिवसेना नेता ने बताया कि नाम बदलने की यह मांग 1986 से चल रही है। इससे पहले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा था कि यदि किसी व्यक्ति ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र प्राप्त किया है और वह हिंदू, बौद्ध या सिख धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म का है, तो उसे रद्द किया जाएगा। 


 


जानें और: महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में विधायक जितेंद्र आव्हाड और गोपीचंद पडलकर के समर्थक भिड़े, जानें पूरा मामला






फडणवीस ने विधान परिषद में कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ उठाया है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी ने अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र का उपयोग करके चुनाव जीता है, तो उसका चुनाव रद्द कर दिया जाएगा। फडणवीस ने यह भी बताया कि राज्य सरकार बलात्कारी या धोखे से किए गए धर्मांतरण से संबंधित मामलों के लिए कड़े प्रावधान लाने पर विचार कर रही है और इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।