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सहारनपुर में हत्या का रहस्य: 18 दिन बाद मिली लाश के टुकड़े

सहारनपुर में 3 नवंबर को लापता हुए अमजद का शव 18 दिन बाद ढमोला नदी से मिला, और वह भी तीन टुकड़ों में। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी फरमान ने हत्या का कारण अवैध संबंध बताया। हालांकि, अमजद के परिवार का कहना है कि यह कहानी झूठी है। जानें इस जघन्य हत्या के पीछे की सच्चाई और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

सहारनपुर में हत्या का मामला


Saharanpur Crime News: सहारनपुर के देहात कोतवाली क्षेत्र के शेखपुरा कदीम गांव में 3 नवंबर को हुई हत्या का रहस्य अब खुल गया है। लापता अमजद का शव 18 दिन बाद ढमोला नदी से मिला, और वह भी तीन टुकड़ों में। पुलिस ने 20 किलोमीटर तक खोजबीन के बाद शव को नदी में पाया। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।


शुक्रवार सुबह खेतों में काम कर रहे लोगों ने पुलिस को सूचित किया कि ढमोला नदी में एक शव तैर रहा है। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर फॉरेंसिक विशेषज्ञों के साथ शव को निकाला। पहचान करना मुश्किल था क्योंकि शव पानी में 18 दिन रहने के कारण पूरी तरह फूल चुका था। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि शव के दोनों पैर गायब थे। बाद में पुलिस को नदी में करीब आधा किलोमीटर दूर एक बोरे में पैर के टुकड़े मिले। CO सेकंड ASP मनोज यादव ने पुष्टि की कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मामले की गहन जांच की जा रही है.


पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया

अमजद 3 नवंबर से लापता था। उसके परिवार ने गांव के पड़ोसियों फरहान, उसकी पत्नी रुखसार, साले अमजद, शमीम और समीर पर हत्या का आरोप लगाया था। जांच के बाद पुलिस ने इन पांचों को गिरफ्तार कर लिया। पहले पति-पत्नी और जीजा-साले को हिरासत में लिया गया, फिर बाद में शमीम और समीर को भी गिरफ्तार किया गया। मुख्य आरोपी फरमान ने कबूल किया कि उसकी पत्नी रुखसान और अमजद के बीच अवैध संबंध थे, जिसके कारण उसने हत्या की योजना बनाई।


हत्या का कारण और तरीका

अमजद की मां रूबिना और ग्रामीणों का कहना है कि यह कहानी झूठी है। उनका कहना है कि फरमान ठेकेदारी करता था और अमजद उसके पास मजदूरी करता था। फरमान अक्सर मजदूरी की रकम रोक लेता था। अमजद के डेढ़ लाख रुपए फरमान के पास फंसे हुए थे, जिससे दोनों में विवाद हुआ। परिवार का कहना है कि अमजद अभी शादी के लायक नहीं था, इसलिए अवैध संबंध की कहानी समझ से परे है।


आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अमजद को पहले गोली दी, फिर रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। जब शव को बोरे में ठिकाने लगाने लगे, तो शरीर उसमें फिट नहीं हो रहा था, इसलिए कुल्हाड़ी से उसके दोनों पैर काट दिए गए। फिर शव को घर से करीब दो किलोमीटर दूर ढमोला नदी के पुल से फेंक दिया गया।


मामले का पूरा विवरण

अमजद आरोपी फरमान के पास मजदूरी करता था और धीरे-धीरे करीब एक लाख रुपए उसकी पेमेंट रोक ली गई। 3 नवंबर को जब फरमान के घर रिश्तेदार आए थे, उसी दौरान अमजद पैसे मांगने पहुंचा। दोनों में बहस हुई और फरमान को यह बात बेइज्जती लगी। इसी बेइज्जती का बदला लेने के लिए उसने अमजद की हत्या करने की योजना बनाई।


अमजद की मां रूबिना ने 3 नवंबर को बताया था कि वह दवाई लेकर लौट रही थीं और थकान की वजह से फरमान के घर रुक गईं। रुखसार ने उन्हें चाय दी, तभी उन्हें अमजद की चीखने जैसी आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने पूछा तो रुखसार ने बहाना बनाया कि अंदर लोग बात कर रहे हैं। कुछ घंटों बाद जब अमजद घर नहीं आया, तो उसकी तलाश शुरू की गई।