सर्वोच्च न्यायालय ने टीटीडी लड्डू मामले में सीबीआई की जांच पर रोक लगाई
सर्वोच्च न्यायालय ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए टीटीडी लड्डू प्रसादम मामले में सीबीआई की जांच को जारी रखने की अनुमति दी है। न्यायालय ने कहा कि एसआईटी द्वारा किसी अन्य अधिकारी की नियुक्ति में कोई समस्या नहीं है, जबकि सीबीआई निदेशक पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। इस निर्णय के पीछे उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने का मामला है, जिसमें विशेष अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर विवाद था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके कानूनी पहलुओं के बारे में।
Sep 26, 2025, 17:15 IST
सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई निदेशक ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) लड्डू प्रसादम की तैयारी में मिलावटी घी के उपयोग के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी के बाहर एक अधिकारी की नियुक्ति की थी। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने कहा कि एसआईटी द्वारा किसी अन्य अधिकारी को जांच सौंपने में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि पूरी प्रक्रिया की निगरानी सीबीआई निदेशक द्वारा की जा रही थी।
सीजेआई का सवाल
सीजेआई ने यह भी पूछा कि यदि एसआईटी किसी विशेष अधिकारी को नियुक्त करना चाहती है, तो इसमें क्या गलत है? यह आदेश सीबीआई निदेशक द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील के संदर्भ में आया। सुनवाई के दौरान, उस पक्ष के वकील ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश में यह स्पष्ट किया गया था कि एसआईटी में सीबीआई के दो अधिकारी, राज्य पुलिस के दो अधिकारी और एफएसएसएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल होने चाहिए; इसलिए, किसी अन्य अधिकारी को शामिल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केवल एक अधिकारी को नियुक्त किया गया है जो उनके नियंत्रण में रहेगा।
केंद्रीय एजेंसी की प्रतिक्रिया
केंद्रीय एजेंसी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उच्च न्यायालय की टिप्पणियों ने न केवल चल रही जांच को कमजोर किया है, बल्कि एसआईटी के कार्यों पर भी अनावश्यक सवाल उठाए हैं। मेहता ने यह भी कहा कि अधिकारी केवल रिकॉर्ड रखने वाला था और सीबीआई निदेशक ने उसे काम करने की अनुमति दी थी।