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सर्व पितृ अमावस्या 2025: पितृ पक्ष का महत्व और दीप जलाने की विधि

सर्व पितृ अमावस्या 2025 का महत्व जानें और पितृ पक्ष के दौरान दीप जलाने की विधि के बारे में जानकारी प्राप्त करें। यह समय पूर्वजों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का है। जानें किस प्रकार दीप जलाने से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति आ सकती है।
 

सर्व पितृ अमावस्या का महत्व


सर्व पितृ अमावस्या 2025: पितृ पक्ष हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पितृ पक्ष का आरंभ भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से होता है और यह आश्विन माह की अमावस्या तक चलता है। इस 15 दिन के दौरान, लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनके लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करते हैं।


पितृ पक्ष में दीप जलाने की विधि

कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं। तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है। यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश ये अनुष्ठान नहीं कर पाता है, तो वह विशेष दीप जलाने के अनुष्ठान से भी अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।


दीप जलाने की महत्वपूर्ण तिथियाँ

महत्वपूर्ण तिथियाँ:
उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, आश्विन माह की अमावस्या की रात 20 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगी। इसलिए, उदय तिथि के अनुसार, सर्व पितृ अमावस्या से संबंधित पूजा और श्राद्ध 21 सितंबर 2025 को की जाएगी। यह समय श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।


दीप जलाने के चार महत्वपूर्ण स्थान

दीप जलाने के चार स्थान:
1. पहला दीप – घर के मुख्य द्वार पर: घर के मुख्य द्वार पर घी या सरसों के तेल का दीप जलाएं। इसके साथ एक पानी का बर्तन रखें और दरवाजा खुला रखें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और लक्ष्मी का स्वागत होता है।
2. दूसरा दीप – घर के बाहर दक्षिण दिशा में: यह दीप सरसों के तेल का होना चाहिए। मान्यता है कि अमावस्या की रात पूर्वज धरती से अपने निवास की ओर लौटते हैं। यदि उन्हें रास्ते में प्रकाश मिलता है, तो वे प्रसन्न होते हैं।
3. तीसरा दीप – पूर्वजों की तस्वीर या स्मारक स्थान पर: घर में पूर्वजों की तस्वीर के पास दीप जलाएं। यह भक्ति का प्रतीक है और आध्यात्मिक संबंध को मजबूत करता है।
4. चौथा दीप – पीपल के पेड़ के नीचे: इस दिन पीपल की पूजा विशेष फलदायी होती है। पीपल के नीचे तिल के तेल का दीप देवताओं के लिए और सरसों के तेल का दीप पूर्वजों के लिए जलाएं।


दीप जलाने के लाभ

दीप जलाने के लाभ:
ये सरल लेकिन भक्ति से भरे उपाय पूर्वजों के पापों को शांति देते हैं और जीवन में खुशी, समृद्धि और मानसिक शांति लाते हैं। दीप जलाने से न केवल अंधकार दूर होता है, बल्कि आत्मा को भी प्रकाश मिलता है।