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सर्दियों में हार्ट अटैक से बचने के लिए सही नहाने का तरीका

सर्दियों में हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि होती है, खासकर बाथरूम में। जानें कि नहाने का गलत तरीका कैसे इस खतरे को बढ़ा सकता है और डॉक्टरों की सलाह के अनुसार सही नहाने का तरीका क्या है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप सर्दियों में सुरक्षित रह सकते हैं और हार्ट अटैक के जोखिम को कम कर सकते हैं।
 

सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा


स्वास्थ्य: सर्दियों के दौरान हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़ जाते हैं। इनमें से कई घटनाएं बाथरूम में होती हैं, जहां कई लोगों की जान नहीं बच पाती। नहाने का गलत तरीका इस समस्या का मुख्य कारण हो सकता है, और लगभग 90 प्रतिशत लोग इसी तरह नहाते हैं।


सर्दियों में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे हृदय पर तनाव बढ़ता है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। कोलेस्ट्रॉल की समस्या इस खतरे को और बढ़ा देती है।


इस मौसम में नहाने के दौरान गलतियां करना गंभीर हो सकता है। डॉक्टर निशांत गुप्ता के अनुसार, गर्म पानी भी इस खतरे से नहीं बचा सकता। चाहे ठंडे पानी से नहाएं या गर्म पानी से, यदि तरीका सही नहीं है तो खतरा हमेशा बना रहता है।


नहाने का सही तरीका

सिर पर पानी डालने की गलती: जब लोग नहाने जाते हैं, तो अक्सर पहले सिर पर पानी डालते हैं, जो एक बड़ी गलती है। शॉवर से नहाने वाले लोग अक्सर यही करते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।


सही नहाने का तरीका: डॉक्टरों का कहना है कि चाहे पानी ठंडा हो या गर्म, सर्दियों में सीधे सिर पर पानी नहीं डालना चाहिए। पहले पैरों पर थोड़ा पानी डालें, फिर पेट और छाती पर डालें, और अंत में सिर पर पानी डालें।


जान बचाने के उपाय

सुरक्षित रहने के तरीके: डॉक्टर के अनुसार, इस तरीके से नहाने से शरीर के अंदर एक थर्मोस्टेट बनता है, जो शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखता है।


जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल या डायबिटीज उच्च है, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। सर्दियों में पैरों में दर्द, थकान, और सीने में दर्द जैसी समस्याएं दिल की खराब सेहत का संकेत हो सकती हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।