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सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा: जानें कारण और बचाव के उपाय

सर्दियों में हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि एक गंभीर चिंता का विषय है। इस लेख में हम जानेंगे कि सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ता है और इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण क्या हैं। साथ ही, हम कुछ महत्वपूर्ण जीवनशैली की गलतियों और उनके प्रभावों पर भी चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे आप अपने दिल को सुरक्षित रख सकते हैं और सर्दियों में स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से बच सकते हैं।
 

सर्दियों में हार्ट अटैक के बढ़ते मामले


जैसे ही सर्दियों का मौसम आता है, हार्ट अटैक के मामलों में अचानक वृद्धि देखी जाती है। यह केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका और यूरोप में भी हर साल होता है। लेकिन यह जानना जरूरी है कि ऐसा क्यों होता है।


आइए, हम इसे एक सरल, वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से समझते हैं। यदि आप असली खतरों को समझ लेते हैं, तो इस मौसम में अपने दिल को सुरक्षित रखने के लिए कई उपाय कर सकते हैं। आइए जानते हैं सर्दियों में हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाने वाले चार प्रमुख कारण:


1. शरीर का तापमान कम होना

सर्दियों में, शरीर अपने तापमान को बनाए रखने के लिए त्वचा और बाहरी हिस्सों की रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है। इससे:



  • रक्तचाप में वृद्धि होती है

  • दिल को अधिक बल से पंप करना पड़ता है

  • ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है


यदि किसी व्यक्ति को पहले से ही ब्लॉकेज है, तो यह स्थिति अत्यंत खतरनाक हो सकती है।


2. रक्त का गाढ़ा होना

सर्दियों में रक्त की गाढ़ापन बढ़ जाती है।



  • प्लेटलेट्स अधिक चिपचिपे हो जाते हैं

  • क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है


यह हार्ट अटैक का एक सीधा कारण है।


3. विटामिन D की कमी

सर्दियों में सूरज की रोशनी कम होती है और लोग बाहर नहीं निकलते, जिससे विटामिन D का स्तर और गिर जाता है।



  • सूजन बढ़ जाती है

  • धमनियों की आंतरिक परत कमजोर हो जाती है

  • प्लाक अस्थिर होकर फट सकता है


इससे अचानक क्लॉट बनकर हार्ट अटैक हो सकता है।


4. तनाव, चिंता और अवसाद में वृद्धि

सर्दियों में मूड खराब रहना आम बात है। इससे:



  • दिल की धड़कन बढ़ जाती है

  • रक्तचाप में वृद्धि होती है

  • दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है


ये सभी कारक मिलकर दिल की सेहत को और कमजोर करते हैं।


सर्दियों में हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाने वाली तीन जीवनशैली की गलतियाँ

1. अधिक खाना और कम गतिविधि


दिसंबर-जनवरी में शादियों, मिठाइयों, नॉनवेज ग्रेवी और तले हुए खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है। इसके साथ ही लोग चलने-फिरने में कमी कर देते हैं। इससे:



  • रक्त शर्करा बढ़ता है

  • ट्राइग्लिसराइड्स में वृद्धि होती है

  • रक्तचाप अस्थिर हो जाता है

  • दिल पर तनाव बढ़ता है


2. सीने में लक्षणों की अनदेखी करना


हम अक्सर सीने में जलन, टाइटनेस या भारीपन को केवल गैस समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह देरी कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकती है।


3. सुबह की सैर


सुबह के समय प्लेटलेट्स अधिक चिपचिपे होते हैं, रक्तचाप तेजी से बढ़ता है, और ठंडी हवा रक्त वाहिकाओं को और संकुचित कर देती है। इसलिए, बहुत ठंड में सुबह की सैर करना जोखिम को 2-3 गुना बढ़ा सकता है।


कैसे बचें? अपनाएँ ये 7 नियम

1. ठंड से बचें – लेयरिंग करें, दस्ताने और टोपी पहनें।
2. रक्तचाप, शर्करा, और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराएँ।
3. पर्याप्त पानी पिएँ।
4. विटामिन D का सेवन करें।
5. नमक, चीनी और तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
6. हर 2-3 घंटे में थोड़ा मूवमेंट करें।
7. सीने में हल्का भी दबाव महसूस होने पर अनदेखा न करें।


सर्दियों में खाए जाने वाले 4 खाद्य पदार्थ जो दिल के लिए हानिकारक हैं

1. गाजर का हलवा


मावा, घी और शक्कर मिलाकर बनाया जाता है, जो रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।


2. भारी मसालेदार नॉनवेज ग्रेवीज़


सैचुरेटेड फैट की अधिकता से धमनियों में रुकावट बढ़ती है।


3. समोसा, कचौड़ी, पकोड़े


ट्रांस फैट के कारण रक्त गाढ़ा होता है।


4. रेबड़ी, गजक, चिक्की


तिल और गुड़ स्वास्थ्यवर्धक हैं, लेकिन अधिक सेवन से:



  • शर्करा बढ़ती है

  • ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ते हैं

  • रक्तचाप अस्थिर होता है


आपका सवाल:

क्या आपने भी सर्दियों में सीने में भारीपन, सांस फूलना या थकान महसूस की है?
कृपया नीचे कमेंट में बताएं—क्योंकि ये छोटी-छोटी बातें बड़े जोखिम से बचा सकती हैं।


महत्वपूर्ण जानकारी:

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी लक्षण, छाती में दर्द, सांस फूलने या कमजोरी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से इलाज करने की कोशिश न करें।