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सर्दियों में मॉर्निंग वॉक से हार्ट अटैक का खतरा: डॉक्टरों की सलाह

सर्दियों में मॉर्निंग वॉक करने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है, खासकर प्रदूषण और ठंड के कारण। डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट पेशेंट और बुजुर्गों को सुबह बाहर नहीं निकलना चाहिए। जानें किन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए और क्या मॉर्निंग वॉक पूरी तरह से बंद कर देनी चाहिए। इस लेख में जानें स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण सलाह।
 

सर्दियों में मॉर्निंग वॉक का खतरा

सुबह की वॉक से हार्ट अटैक का खतरा

उत्तर भारत के कई हिस्सों में इस समय कड़ाके की ठंड का सामना किया जा रहा है। इस मौसम में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। थोड़ी सी लापरवाही सेहत को प्रभावित कर सकती है। ठंड के दिनों में चिकित्सक मॉर्निंग वॉक से बचने की सलाह दे रहे हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां प्रदूषण, कोहरा और ठंड का मिश्रण है। इन तीनों का संयोजन हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकता है। ऐसे में डॉक्टर घर के अंदर वॉक करने की सलाह देते हैं।

सर्दियों में शरीर खुद को गर्म रखने की कोशिश करता है, जिसके लिए रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे रक्तचाप बढ़ सकता है और हृदय को अधिक पंप करना पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति कम तापमान में बाहर जाता है, तो इससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

किसे है अधिक खतरा?

दिल्ली के अपोलो अस्पताल के कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. वरुण बंसल के अनुसार, इस समय सभी को मॉर्निंग वॉक से बचना चाहिए। लेकिन कुछ लोगों को विशेष रूप से सुबह बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है। इनमें हार्ट पेशेंट शामिल हैं, जिनका हृदय पहले से ही कमजोर होता है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही भी अटैक का कारण बन सकती है।

डॉ. बंसल का कहना है कि उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को भी सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुबह वॉक से बचना चाहिए। इसके अलावा, बुजुर्गों को भी सुबह बाहर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि ठंड के कारण अचानक हार्ट रिदम बिगड़ने का खतरा रहता है।

डॉ. बंसल ने बताया कि गर्मियों की तुलना में सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले अधिक होते हैं। खासकर सुबह के समय अटैक आने की घटनाएं हर साल देखी जाती हैं। इसलिए मॉर्निंग वॉक से बचना आवश्यक है। सभी के लिए यह जरूरी नहीं है, लेकिन जो रिस्क ग्रुप में हैं, उन्हें सुबह बाहर नहीं जाना चाहिए।

क्या मॉर्निंग वॉक पूरी तरह से बंद कर दें?

दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजीत जैन का कहना है कि हार्ट मरीजों और बुजुर्गों के अलावा अन्य लोग वॉक कर सकते हैं, लेकिन कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। यदि आप ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां ठंड, प्रदूषण और कोहरा तीनों हैं, तो वॉक से बचें। लेकिन यदि ठंड कम है, तो कोई खास समस्या नहीं होगी, बस कुछ बातों का ध्यान रखें, जैसे कि बहुत ठंडी सुबह (6-7 बजे से पहले) वॉक न करें। गर्म कपड़े पहनें, खासकर सिर और सीने को ढककर रखें, और अचानक तेज वॉक या जॉगिंग न करें।

किन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए?

वॉक करते समय सांस फूलना

अचानक सीने में तेज दर्द

पसीना आना

चक्कर आना

(यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत वॉक बंद करें और डॉक्टर से सलाह लें)