सर्दियों में पशुओं की देखभाल: दूध उत्पादन बढ़ाने के सरल उपाय
सर्दियों में पशुओं की देखभाल
पशु आहार: दिसंबर की शुरुआत के साथ ठंड का मौसम आ गया है, जिसका प्रभाव न केवल मनुष्यों पर, बल्कि फसलों पर भी पड़ रहा है। इस कड़ाके की सर्दी से मवेशियों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है।
दुधारू मवेशियों का दूध उत्पादन घटने लगा है और उनकी सेहत भी बिगड़ने लगी है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उचित देखभाल और आहार में बदलाव करके मवेशियों का दूध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए कुछ घरेलू उपाय अपनाने होंगे।
पशु चिकित्सकों के अनुसार, सर्दियों में दुधारू मवेशियों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ठंड के कारण गाय और भैंस दूध कम देने लगती हैं, क्योंकि उनकी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। इसे सुधारने के लिए, चारे में प्रतिदिन 50 ग्राम सेंधा नमक मिलाना चाहिए। यह पाचन में सुधार करता है और शरीर में आवश्यक मिनरल्स की कमी को पूरा करता है। चिकित्सकों का कहना है कि जो पशु सामान्यतः 3 से 4 लीटर दूध देते हैं, वे इस उपाय से 6 से 7 लीटर तक दूध देने लगते हैं।
चारे में गुड़ का महत्व
विशेषज्ञों के अनुसार, सेंधा नमक के साथ चारे में 250 ग्राम गुड़ मिलाना भी आवश्यक है। गुड़ शरीर में गर्मी बनाए रखता है और ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे पशु सर्दियों में स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा, रात में पशुओं के पास अलाव जलाना या उन्हें टाट के बोरे से ढकना चाहिए। इससे ठंड से बचाव होता है और दूध उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
गौशाला की व्यवस्था
पशु चिकित्सकों का सुझाव है कि जहां पशु रहते हैं, वहां गंदगी, नमी या जमा पानी नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे सर्दियों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमण होने पर पशु बीमार पड़ सकते हैं और दूध उत्पादन कम हो सकता है। चारे में कीड़े या खराब चीजें नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ठंड में खराब चारा जल्दी बीमारी फैलाता है। यदि पशुपालक इन सरल उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें, तो ठंड में भी पशु अधिक दूध देंगे और स्वस्थ रहेंगे।