सरसों के तेल की शुद्धता कैसे जांचें: जानें आसान तरीके
सरसों के तेल की पहचान के तरीके
भारतीय रसोई में सरसों के तेल का उपयोग आम है, लेकिन इसकी शुद्धता पर ध्यान देना आवश्यक है। शुद्ध सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, जबकि मिलावटी तेल सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। आजकल कई कंपनियां सरसों के तेल में मिलावट कर रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस लेख में, हम आपको नकली सरसों के तेल की पहचान करने के कुछ सरल तरीकों के बारे में बताएंगे।
शुद्धता की जांच का तरीका
सरसों के तेल का उपयोग करने से पहले उसकी शुद्धता की जांच करना जरूरी है। इसके लिए, तेल को एक डिब्बे में डालकर फ्रिज में रखें। यदि तेल में पाम ऑयल है, तो वह नीचे बैठ जाएगा, जबकि शुद्ध सरसों का तेल ऊपर तैरता रहेगा।
हाथों और पैरों पर लगाकर जांचें
थोड़ा सा सरसों का तेल अपने हाथों और पैरों पर लगाएं। यदि रगड़ने पर रंग दिखाई देता है, तो यह नकली है। असली सरसों का तेल तीखी गंध छोड़ता है और गर्म करने पर आंखों में जलन पैदा करता है।
बैरोमीटर टेस्ट का उपयोग करें
सरसों के तेल की शुद्धता जानने के लिए बैरोमीटर टेस्ट करें। असली तेल की रीडिंग 58 से 60 के बीच होनी चाहिए। यदि रीडिंग इससे अधिक है, तो तेल नकली है। हमेशा अच्छी कंपनियों का हॉलमार्क वाला तेल खरीदें।
नाइट्रिक एसिड से जांचें
आप नाइट्रिक एसिड का उपयोग करके भी सरसों के तेल की जांच कर सकते हैं। यदि तेल में नाइट्रिक एसिड मिलाने पर रंग बदलता है, तो वह असली है। मिलावटी तेल में रंग में बदलाव दिखाई देगा।
रंग से पहचानें
आप कड़ाही में तेल गर्म करके भी उसकी शुद्धता की जांच कर सकते हैं। यदि धुएं से आंखों में जलन होती है, तो वह असली है। शुद्ध सरसों का तेल सुनहरा और डार्क पीला होता है, जबकि नकली तेल की गंध और रंग में कमी होती है।