सरकारी बैंकों ने ब्याज दरों में की कटौती, ग्राहकों को मिलेगी राहत
बैंकों की नई ब्याज दरें
देश के प्रमुख सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों को राहत प्रदान की है। पंजाब नेशनल बैंक (PNB), इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी ब्याज दरों में 5 बेसिस पॉइंट्स की कमी की है। इससे होम लोन, ऑटो लोन और अन्य प्रकार के कर्ज लेने वालों को कम ब्याज चुकाना होगा। यह कटौती 1 जुलाई 2025 से प्रभावी हो चुकी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने फरवरी 2025 में रेपो रेट में 100 बेसिस पॉइंट्स की कमी की थी, जिसके बाद बैंकों ने यह निर्णय लिया।
MCLR की जानकारी
MCLR, यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट, वह न्यूनतम ब्याज दर है जिस पर बैंक लोन के लिए ब्याज लेते हैं। यह दर लोन की ब्याज दर की न्यूनतम सीमा निर्धारित करती है। RBI के नियमों के अनुसार, बैंक इस दर से कम ब्याज पर लोन नहीं दे सकते, जब तक कि विशेष छूट न दी जाए।
PNB की ब्याज दरों में कटौती
पंजाब नेशनल बैंक, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है, ने सभी अवधियों के लिए MCLR में 5 बेसिस पॉइंट्स की कमी की है। नई दरें 1 जुलाई 2025 से लागू हैं।
- एक दिन का MCLR: 8.25% से घटकर 8.20%.
- एक महीने का MCLR: 8.40% से कम होकर 8.35%.
- तीन महीने का MCLR: 8.60% से घटकर 8.55%.
- छह महीने का MCLR: 8.80% से कम होकर 8.75%.
- एक साल का MCLR: 8.95% से घटकर 8.90%.
- तीन साल का MCLR: 9.25% से कम होकर 9.20%.
इंडियन बैंक की दरों में कमी
इंडियन बैंक ने भी कुछ अवधियों के लिए MCLR में 5 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। ये नई दरें 3 जुलाई 2025 से लागू होंगी।
- एक दिन का MCLR: 8.20% पर कोई बदलाव नहीं.
- एक महीने का MCLR: 8.45% से घटकर 8.40%.
- तीन महीने का MCLR: 8.65% से कम होकर 8.60%.
- छह महीने का MCLR: 8.90% से घटकर 8.85%.
- एक साल का MCLR: 9.05% से कम होकर 9.00%.
बैंक ऑफ इंडिया का निर्णय
बैंक ऑफ इंडिया ने भी सभी अवधियों के लिए MCLR में 5 बेसिस पॉइंट्स की कमी की है। ये नई दरें 1 जुलाई 2025 से लागू होंगी।
- एक दिन का MCLR: 8.15% से घटकर 8.10%.
- एक महीने का MCLR: 8.45% से कम होकर 8.40%.
- तीन महीने का MCLR: 8.60% से घटकर 8.55%.
- छह महीने का MCLR: 8.85% से कम होकर 8.80%.
- एक साल का MCLR: 9.05% से घटकर 9.00%.
- तीन साल का MCLR: 9.20% से कम होकर 9.15%.
ग्राहकों को मिलने वाली राहत
इन बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती से ग्राहकों के लिए EMI का बोझ कम होगा। विशेष रूप से होम लोन और ऑटो लोन लेने वालों के लिए यह एक सकारात्मक समाचार है। RBI द्वारा रेपो रेट में कमी के बाद बैंकों का यह कदम अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने और ग्राहकों को राहत प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।