सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन गाइडलाइन: जबरन रिटायरमेंट पर महत्वपूर्ण जानकारी
सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन गाइडलाइन
सरकार ने जारी की नई पेंशन गाइडलाइन
देश में सरकारी नौकरी को सबसे सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कई बार कुछ कर्मचारी ‘जबरन रिटायरमेंट’ का सामना करते हैं। रिटायरमेंट के बाद सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि क्या उन्हें पेंशन मिलेगी और ग्रेच्युटी का क्या होगा? इस संदर्भ में, केंद्र सरकार ने हाल ही में एक नया ‘ऑफिस मेमोरेंडम’ जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जबरन रिटायरमेंट प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को किन शर्तों पर पेंशन या ग्रेच्युटी मिलेगी।
ये नए दिशा-निर्देश ‘सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स 2021’ के रूल 44 के तहत लागू किए गए हैं। इस कदम से कर्मचारियों को यह जानकारी मिलेगी कि यदि उन्हें अनिवार्य रिटायरमेंट दी जाती है, तो उनके आर्थिक अधिकार क्या होंगे?
इन नए दिशा-निर्देशों की आवश्यकता क्यों?
वास्तव में, अनिवार्य रिटायरमेंट के समय मिलने वाले आर्थिक लाभों को लेकर पहले काफी अस्पष्टता थी। कर्मचारियों को यह नहीं पता होता था कि उनकी सेवा अवधि के आधार पर पेंशन और ग्रेच्युटी की गणना कैसे की जाएगी।
विशेष रूप से, ग्रेच्युटी की राशि और सेवा अवधि के अनुसार होने वाले कैलकुलेशन में भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। इस जानकारी के अभाव में कर्मचारी अपने भविष्य की आर्थिक योजना नहीं बना पाते थे। सरकार का यह नया कदम इसी अनिश्चितता को समाप्त करने के लिए उठाया गया है। नए ज्ञापन में पूरी प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से समझाया गया है।
10 साल से अधिक सेवा वाले कर्मचारियों के लिए नियम
नए नियमों के तहत, सरकार ने कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा है। पहली श्रेणी उन कर्मचारियों की है, जिन्होंने 10 साल की सेवा पूरी कर ली है। यदि कोई केंद्रीय कर्मचारी 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद रिटायर होता है, तो वह ‘कंपलसरी रिटायरमेंट पेंशन’ का हकदार होगा।
हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह पेंशन सामान्य रिटायरमेंट पर मिलने वाली पूरी पेंशन के बराबर नहीं होगी। मेमोरेंडम के अनुसार, इस पेंशन की राशि सामान्य रिटायरमेंट पेंशन का एक ‘तय प्रतिशत’ होगी। यह प्रतिशत कितना होगा, इसका निर्णय संबंधित विभाग या सक्षम अधिकारी द्वारा केस-दर-केस किया जाएगा।
10 साल से कम सेवा वाले कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी
अब सवाल यह है कि जिन कर्मचारियों की सेवा 10 साल से कम है, उनका क्या होगा? क्या उन्हें बिना किसी लाभ के घर लौटना पड़ेगा? सरकार ने इस स्थिति के लिए भी नियमों को स्पष्ट किया है।
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, जो कर्मचारी 10 साल की सेवा पूरी करने से पहले रिटायर होते हैं, वे पेंशन के हकदार नहीं होंगे। लेकिन उन्हें ‘कंपलसरी रिटायरमेंट सर्विस ग्रेच्युटी’ दी जाएगी।
यह राशि भी उनकी सामान्य सुपरएनुएशन ग्रेच्युटी का एक तय प्रतिशत होगी। 10 साल से अधिक सेवा वाले कर्मचारियों के मामले में, यहां भी ग्रेच्युटी का अंतिम अमाउंट या उसका प्रतिशत तय करने का अधिकार सक्षम अधिकारी के पास रहेगा। इसका मतलब है कि कर्मचारी को एकमुश्त राशि मिलेगी, लेकिन यह कितनी होगी, यह सक्षम अधिकारी ही तय करेगा।