सरकार और विपक्ष के बीच 'जी राम जी बिल' पर बढ़ेगा टकराव
संसद में 'जी राम जी बिल' की मंजूरी
सरकार और विपक्ष में होगी तकरार.
संसद के शीतकालीन सत्र में मनरेगा की जगह विकसित भारत ‘जी राम जी बिल’ को मंजूरी मिलने के बाद, सरकार अब गांव-गांव जाकर इसके प्रचार में जुटेगी। इस दौरान विपक्ष के आरोपों का जवाब भी दिया जाएगा। कांग्रेस ने भी आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है और 27 दिसंबर को कार्यसमिति की बैठक बुलाई है, जिसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार जी राम जी बिल पर विपक्ष के आरोपों का जवाब जनता के बीच जाकर देगी। इसके लिए देशभर में एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा, जिसमें बिल के बारे में लोगों को विस्तार से जानकारी दी जाएगी। सरकार ने पहले ही कहा है कि विपक्ष के आरोपों का जवाब संसद से लेकर सड़क तक दिया जाएगा। सरकार जनता को बताएगी कि कैसे मोदी सरकार ने रोजगार के दिन को 100 से बढ़ाकर 125 कर दिया है, साथ ही मजदूरी में भी वृद्धि की जा रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को मजबूत किया जाएगा।
सोशल मीडिया का उपयोग
सरकार नए कानून के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक देशव्यापी अभियान चलाएगी, जिसमें सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा। प्रदेशों की राजधानियों से लेकर ग्राम सभाओं तक जनता को इसके बारे में बताया जाएगा, प्रेस कॉन्फ़्रेंस और जनसभाओं का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में सभी केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य बीजेपी सरकारों को निर्देश जारी किए गए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष की चेतावनी
कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है। कांग्रेस ने 27 दिसंबर को कार्यसमिति की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस बिल को वापस नहीं लिया, तो लोग सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि जैसे सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था, वैसे ही जी राम जी बिल को भी वापस लेना पड़ेगा। सरकार जनता को यह बताएगी कि यह कानून पहले से बेहतर क्यों है और भगवान राम के बारे में महात्मा गांधी के विचार क्या थे।