समाजवादी पार्टी ने बीएमसी चुनाव में अकेले लड़ने का किया ऐलान
समाजवादी पार्टी का चुनावी निर्णय
समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अबू आसिम आज़मी ने बुधवार, 19 नवंबर को मुंबई में यह घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगी और किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होगी। आज़मी ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने अंतिम समय में उन्हें धोखा दिया और अपने निर्णयों में बदलाव किया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं कर रही है और नेतृत्व की कमी से जूझ रही है।
सपा बीएमसी की 227 सीटों में से लगभग 150 पर अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है। पार्टी का यह निर्णय नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया गया। आज़मी ने कांग्रेस पर तीखे हमले करते हुए आरोप लगाया कि वह अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करने में विफल रही है। उन्होंने समाजवादी पार्टी की सांप्रदायिक सद्भाव के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया और कांग्रेस या महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के साथ चुनावी गठबंधन करने के खिलाफ पार्टी के कड़े रुख की घोषणा की।
महायुति का चुनावी गठबंधन
इस बीच, महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने पुष्टि की है कि भाजपा, शिवसेना और राकांपा वाला महायुति गठबंधन मिलकर मुंबई बीएमसी चुनाव लड़ेगा। उनका लक्ष्य दो-तिहाई बहुमत और 51 प्रतिशत वोट हासिल करना है। गठबंधन को उम्मीद है कि निर्दलीय भाजपा उम्मीदवार पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के पक्ष में नामांकन वापस ले लेंगे। स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदान 2 दिसंबर को होगा और मतगणना अगले महीने 3 दिसंबर को होगी।
राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव
समाजवादी पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने के निर्णय ने कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (सपा) से मिलकर बने महा विकास अघाड़ी को बड़ा झटका दिया है। अन्य दलों में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) भी शामिल है, जो संभवतः कुछ परिषदों में शिवसेना (यूबीटी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। महाराष्ट्र के सबसे बड़े नगर निकाय में बदलते गठबंधनों और राजनीतिक पुनर्संयोजनों के बीच कई दलों के स्वतंत्र रूप से खड़े होने के कारण, इन चुनावों में कड़ी प्रतिस्पर्धा की संभावना है।