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सप्ताहिक आर्थिक राशिफल: जानें 22 से 28 सितंबर 2025 तक का हाल

इस सप्ताह का आर्थिक राशिफल 22 से 28 सितंबर 2025 तक का हाल बताता है। वृषभ राशि के लिए उन्नति का समय है, जबकि मिथुन राशि वालों को संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। जानें अन्य राशियों के लिए क्या संकेत हैं और अपने आर्थिक निर्णयों में सावधानी बरतें।
 

आर्थिक राशिफल 2025

आर्थिक राशिफल 2025

22 से 28 सितंबर 2025 का आर्थिक राशिफल: वृषभ राशि के जातकों के लिए यह सप्ताह उन्नति का संकेत देता है। विरोधी कमजोर होंगे और रुके हुए कार्य पूरे होंगे। व्यापार में लाभ के अवसर मिलेंगे, हालांकि कार्यक्षेत्र में कुछ दुविधाएं बनी रहेंगी। किसी भी प्रकार का परिवर्तन करने से बचें। मित्रों और प्रियजनों का सहयोग मिलेगा। मिथुन राशि के लिए यह सप्ताह उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। महत्वपूर्ण कार्यों में संघर्ष करना पड़ सकता है, जिससे अधिक मेहनत करनी होगी। कन्या राशि के लिए समय सामान्य रहेगा, लेकिन दूसरों की उलझनों में खुद को न भुलाएं।


राशियों के लिए विशेष जानकारी

मेष (Aries)

आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना कम है। भूमि और मकान के मामलों में भागदौड़ हो सकती है, लेकिन लाभ की उम्मीद है।

वृषभ (Taurus)

व्यापार में नए सहयोगी जुड़ेंगे और रुका हुआ धन प्राप्त होगा। पारिवारिक संपत्ति पर चर्चा होगी।

मिथुन (Gemini)

नई संपत्ति खरीदने के अवसर बनेंगे, लेकिन सोच-समझकर निर्णय लें। पुरानी संपत्ति का विक्रय संभव है।

कर्क (Cancer)

आर्थिक मामलों में पूंजी निवेश कर सकते हैं। आय के स्रोत बढ़ेंगे और संपत्ति खरीदने की योजना बन सकती है।

सिंह (Leo)

धन का सही उपयोग करें। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, लेकिन अनावश्यक खर्च से बचें।

कन्या (Virgo)

आर्थिक लाभ के अवसर मिलेंगे। साझेदारी में सावधानी बरतें। अचानक धन लाभ की संभावना है।

तुला (Libra)

धन में वृद्धि होगी। जमापूंजी को भोग-विलास में खर्च करने से बचें।

वृश्चिक (Scorpio)

पैतृक संपत्ति पर निर्णय आपके पक्ष में हो सकता है। आर्थिक लाभ के अवसर मिलेंगे।

धनु (Sagittarius)

व्यापार में अच्छी आमदनी के संकेत हैं। धन के लेन-देन में सावधानी बरतें।

मकर (Capricorn)

आर्थिक उन्नति के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। पैतृक संपत्ति मिलने की संभावना है।

कुंभ (Aquarius)

आर्थिक लेन-देन में सावधानी बरतें। संपत्ति के क्रय-विक्रय में जल्दबाजी न करें।

मीन (Pisces)

आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आय के स्रोत बढ़ेंगे और संपत्ति का विक्रय भी संभव है।