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सचिन तेंदुलकर का जन्मदिन: क्रिकेट के भगवान की अनकही कहानियाँ

सचिन तेंदुलकर, जिन्हें क्रिकेट का भगवान माना जाता है, आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। जानें उनकी अनकही कहानियाँ, उनके रिकॉर्ड और उनकी पत्नी अंजलि के साथ प्रेम कहानी। इस लेख में सचिन के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों का जिक्र किया गया है, जो क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद रोचक है।
 

क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज


क्रिकेट के इतिहास में कई महान बल्लेबाज हुए हैं, लेकिन सचिन तेंदुलकर को 'गॉड ऑफ क्रिकेट' का दर्जा प्राप्त है। उनके जैसे खिलाड़ी का रिकॉर्ड तोड़ना किसी के लिए भी संभव नहीं हुआ। तेंदुलकर भारतीय टीम के ऐसे सदस्य थे, जिनकी उपस्थिति से अन्य खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता था। कठिन समय में भी, वह टीम को संकट से बाहर निकालने में सक्षम थे।


सचिन का जन्मदिन

आज, 24 अप्रैल को, सचिन तेंदुलकर अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 1973 में मुंबई में हुआ था, और उन्होंने मात्र 16 वर्ष की आयु में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की। बचपन से ही उनकी प्रतिभा ने यह संकेत दिया था कि वह एक महान बल्लेबाज बनने वाले हैं।


सचिन ने 100 शतकों का रिकॉर्ड बनाया है, जो आज तक कोई नहीं तोड़ सका। उन्होंने 24 वर्षों में 664 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और 34,000 से अधिक रन बनाए। इसके साथ ही, उन्होंने गेंदबाजी में भी 201 विकेट लेकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।


सचिन और अंजलि की प्रेम कहानी

सचिन और उनकी पत्नी अंजलि की प्रेम कहानी भी दिलचस्प है। उनकी पहली मुलाकात 1990 में हुई थी, जब सचिन विदेशी दौरे से लौट रहे थे और अंजलि एयरपोर्ट पर अपनी माँ को लेने आई थीं। पहली नजर में ही दोनों को प्यार हो गया।


अंजलि पेशे से डॉक्टर हैं और उनके पिता मशहूर बिजनेसमैन अशोक मेहता हैं। दोनों ने 5 साल डेट करने के बाद 1995 में शादी की। अंजलि सचिन से 6 साल बड़ी हैं और उनके दो बच्चे, सारा और अर्जुन हैं।


सचिन का पाकिस्तान के खिलाफ खेलना

1987 में, सचिन ने अपनी किताब 'प्लेइंग इट माई वे' में एक दिलचस्प घटना का जिक्र किया है। उस समय वह केवल 13 वर्ष के थे और अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेल चुके थे। भारत और पाकिस्तान के बीच प्रदर्शनी मैच के दौरान, सचिन को पाकिस्तान की ओर से फील्डिंग करने का मौका मिला।


इस मैच में, सचिन ने कपिल देव का कैच पकड़ने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके। भारत ने वह मैच जीत लिया था, और सचिन ने लिखा कि उस समय के पाक कप्तान इमरान खान को यह घटना याद नहीं होगी।