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सऊदी अरब में नौकरी पाना हुआ आसान, कफाला सिस्टम का अंत

सऊदी अरब में कफाला सिस्टम के समाप्त होने के बाद विदेशी कामगारों के लिए नौकरी पाना अब सरल हो गया है। यह बदलाव लाखों भारतीय कामगारों के लिए राहत लेकर आया है। जानें इस प्रणाली के अंत के पीछे की वजह और नई व्यवस्था के लाभ।
 

सऊदी अरब में कफाला सिस्टम का अंत

सऊदी में कफाला सिस्टम खत्मImage Credit source: TV9

सऊदी अरब में विदेशी कामगारों के लिए नौकरी पाना अब पहले से कहीं अधिक सरल हो गया है। यह बदलाव लाखों भारतीय कामगारों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। हाल ही में एक सरकारी आदेश के तहत कफाला सिस्टम को समाप्त करने की घोषणा की गई है। हालांकि, इस प्रणाली को समाप्त करने की योजना जून 2025 में बनाई गई थी, लेकिन इसका आधिकारिक नोटिफिकेशन हाल ही में जारी किया गया है।

आइए जानते हैं कि कफाला सिस्टम क्या था और यह विदेशी कामगारों के लिए क्यों समस्याग्रस्त था, साथ ही नए सिस्टम के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हैं।

कफाला सिस्टम की विशेषताएँ

कफाला सिस्टम, जिसे अरबी में ‘स्पांसरशिप’ कहा जाता है, सऊदी अरब के साथ-साथ कतर, कुवैत और जॉर्डन जैसे देशों में भी लागू था। यह प्रणाली 1950 के दशक से सऊदी में प्रभावी थी और इसे एक लेबर स्पॉन्सरशिप प्रोग्राम के रूप में देखा जाता था। इसमें नियोक्ता को अधिक कानूनी अधिकार दिए जाते थे।

कफाला सिस्टम के दुष्परिणाम

कफाला सिस्टम को विदेशी कामगारों के शोषण का एक साधन माना जाता था। इस प्रणाली में सभी अधिकार नियोक्ता के पास होते थे, जिससे वह कामगारों के पासपोर्ट तक को अपने पास रख सकता था। इस स्थिति में कामगार न तो नौकरी बदल सकते थे और न ही नियोक्ता की अनुमति के बिना देश छोड़ सकते थे। इसके अलावा, कामगारों को कानूनी सहायता भी नहीं मिलती थी, जिससे वे पूरी तरह से अपने नियोक्ता पर निर्भर हो जाते थे।

नई व्यवस्था का परिचय

कफाला सिस्टम के समाप्त होने के बाद, सऊदी अरब में कॉन्ट्रैक्ट एंप्लॉयमेंट मॉडल को लागू किया गया है। इस नए मॉडल में नियोक्ताओं के अधिकारों को सीमित किया गया है, जिससे विदेशी कामगार बिना किसी पूर्व सूचना के नई नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं और देश छोड़ सकते हैं। इसके साथ ही, उन्हें कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।

भारतीय कामगारों की संख्या

सऊदी अरब में 1.3 करोड़ से अधिक विदेशी कामगार हैं, जिनमें लाखों भारतीय कामगार शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, सऊदी में काम कर रहे विदेशी कामगारों में सबसे अधिक संख्या बांग्लादेश और भारत के कामगारों की है।

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