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संसद में पीएम मोदी और प्रियंका गांधी की मुलाकात, शीतकालीन सत्र का समापन

संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन, पीएम मोदी और प्रियंका गांधी के बीच महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। इस दौरान वायनाड के मुद्दों पर चर्चा की गई। लोकसभा स्पीकर ने सत्र की उत्पादकता 111 प्रतिशत बताई। 'जी-राम-जी' बिल के पास होने पर विपक्ष ने जोरदार विरोध किया, जिसमें तृणमूल सांसदों ने धरना दिया। जानें इस मुलाकात और सत्र के समापन के बारे में और क्या हुआ संसद में।
 

पीएम मोदी और प्रियंका गांधी की मुलाकात

पीएम मोदी से हुई प्र‍ियंका गांधी की मुलाकात

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के बीच संसद भवन में एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। इस बातचीत में प्रियंका के संसदीय क्षेत्र वायनाड के मुद्दों पर चर्चा की गई। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सत्र के समापन पर पार्टियों के नेताओं और सांसदों के साथ एक बैठक की थी, जिसमें सभी नेता शामिल हुए थे।

शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई, लेकिन वंदे मातरम के बाद ओम बिरला ने इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान सदन की उत्पादकता 111 प्रतिशत रही।

गुरुवार रात 12:30 बजे राज्यसभा में 'जी-राम-जी' बिल पास हुआ, जिसके विरोध में विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। बिल पास होने से पहले ही कई सांसद राज्यसभा से बाहर चले गए और धरने पर बैठ गए।

प्रियंका की नितिन गडकरी से मुलाकात

शीतकालीन सत्र के दौरान प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात की। गुरुवार को संसद की कार्यवाही के दौरान प्रियंका ने गडकरी से मिलने का समय मांगा, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई। प्रियंका ने अपने क्षेत्र वायनाड की समस्याओं पर गडकरी से बात की।

‘जी-राम-जी’ बिल पर विरोध प्रदर्शन

पिछले दिन लोकसभा में 'जी-राम-जी' बिल पास हुआ, जिसके बाद रात में यह राज्यसभा में भी पास हो गया। विपक्ष ने इस बिल के खिलाफ जोरदार हंगामा किया, आरोप लगाते हुए कहा कि इससे गरीबों को नुकसान होगा। विपक्ष ने मांग की कि इस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए।

तृणमूल (TMC) सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर रातभर धरना दिया, उनका कहना था कि इस बिल के माध्यम से महात्मा गांधी का अपमान किया जा रहा है।