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संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम हमले पर गरमागरम बहस

आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है, जिसमें 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम हमले पर चर्चा होगी। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष से अपील की है कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें। चर्चा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं के भाग लेने की संभावना है। जानें इस महत्वपूर्ण बहस के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
 

संसद का मानसून सत्र शुरू

आज (28 जुलाई) से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है, जिसमें पहलगाम हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर गंभीर चर्चा होने की संभावना है। पहले हफ्ते के हंगामे के बाद, सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष आमने-सामने होंगे। भारत की सैन्य कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर इन मुद्दों पर अपने विचार रखेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपनी सरकार के "मजबूत" रुख को उजागर करने के लिए हस्तक्षेप कर सकते हैं।


मायावती की अपील

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर होने वाली चर्चा को सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष को 'दलगत राजनीति से ऊपर उठकर' करनी चाहिए। लोकसभा में आज पहलगाम आतंकवादी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा शुरू होगी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अन्य वरिष्ठ मंत्री और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाग लेने की संभावना है।


महिलाओं की सुरक्षा पर जोर

इस बीच, मायावती ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, "ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में आज से शुरू होने वाली चर्चा को सत्ता और विपक्ष को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लेना चाहिए। आगे महिलाओं का सिंदूर ना उजड़े और मां को अपने बेटे गंवाने ना पड़े, इस पर सरकार और विपक्ष को मिलकर ठोस रणनीति बनानी चाहिए।"


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा के दौरान भाग लेने की उम्मीद है। विपक्ष अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा।