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संविधान की शक्ति से संकट में एकजुटता: सीजेआई बीआर गवई का बयान

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने हाल ही में संविधान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संकट के समय में देश की एकजुटता का श्रेय संविधान को दिया जाना चाहिए। गवई ने यह भी बताया कि संविधान ने भारत को स्वतंत्रता के बाद विकास की दिशा में आगे बढ़ने में मदद की है। उनका यह बयान इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक समारोह के दौरान आया, जहां उन्होंने नागरिकों तक न्याय पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
 

संविधान की भूमिका पर सीजेआई का विचार

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि जब भी देश ने किसी संकट का सामना किया है, तब वह हमेशा एकजुट और मजबूत रहा है, और इसका श्रेय संविधान को दिया जाना चाहिए। यह बयान उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अधिवक्ता कक्षों और एक बहु-स्तरीय पार्किंग के उद्घाटन समारोह में दिया। उन्होंने कहा, "जब संविधान का निर्माण हो रहा था और इसका अंतिम मसौदा संविधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किया गया, तब कुछ लोगों ने कहा कि यह बहुत संघीय है, जबकि कुछ ने इसे बहुत एकात्मक बताया।


सीजेआई गवई ने आगे कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने स्पष्ट किया था कि संविधान न तो पूरी तरह संघीय है और न ही पूरी तरह एकात्मक। लेकिन एक बात निश्चित है कि हमने एक ऐसा संविधान तैयार किया है जो शांति और युद्ध दोनों समय में भारत को एकजुट और मजबूत बनाए रखेगा। उन्होंने यह भी बताया कि संविधान के कारण ही भारत स्वतंत्रता के बाद विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने पड़ोसी देशों की स्थिति की तुलना करते हुए कहा कि भारत ने आज़ादी के बाद विकास की ओर कदम बढ़ाए हैं। जब भी देश पर संकट आया है, तब वह एकजुटता से खड़ा रहा है, और इसका श्रेय संविधान को ही जाता है।


सीजेआई ने यह भी कहा कि देश के अंतिम नागरिक तक पहुंचना हमारा मौलिक कर्तव्य है, जिसे न्याय की आवश्यकता है। चाहे वह विधायिका हो, कार्यपालिका हो या न्यायपालिका, सभी को उस नागरिक तक पहुंचना चाहिए।