संत अनिरुद्धाचार्य का मीडिया पर आरोप: बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाने पर बदनाम करने की साजिश
संतों की आवाज़ पर उठे सवाल
संत अनिरुद्धाचार्य ने कुछ समाचार चैनलों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे उन्हें और संत प्रेमानंद महाराज को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि संतों ने गुटखा, शराब और जुए जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है।
अनिरुद्धाचार्य ने बताया कि उन्होंने अपनी कथाओं के माध्यम से कई लोगों को शराब छोड़ने के लिए प्रेरित किया है, जबकि प्रेमानंद महाराज ने सत्संग के जरिए लोगों को गुटखा और अन्य नकारात्मक आदतों से दूर रखने का प्रयास किया। जब संत समाज ने इन बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई, तब कुछ समाचार चैनलों को यह बात बुरी लगी।
उनका कहना है कि कई चैनलों पर गुटखा और ऑनलाइन जुए के ऐप्स का खुला प्रचार किया जाता है। जब संतों ने इसे रोकने और जागरूकता फैलाने का प्रयास किया, तो युवाओं में भी जागरूकता आई और उन्होंने इन बुराइयों को छोड़ना शुरू कर दिया। इससे प्रभावित होकर, कुछ मीडिया हाउस ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए अभियान चलाया।
अनिरुद्धाचार्य ने आरोप लगाया कि यह मीडिया वर्ग गुटखा और जुए के प्रचार से होने वाली कमाई को बचाने के लिए संतों को निशाना बना रहा है। आज जो सच्चाई की आवाज उठाता है, उसे दबाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब देश में गुटखा, जुआ और गौहत्या जैसी बुराइयों का विरोध नहीं होता, तो संतों के खिलाफ इतनी सक्रियता क्यों दिखाई जाती है? हम सनातन धर्म और सत्य की बात करते हैं, इसलिए हमें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस षड्यंत्र को समझें और जागरूक बनें, वरना वे धृतराष्ट्र की तरह आंखें बंद करके सच्चाई से वंचित रह जाएंगे।