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संजय राउत का सिंदूर रक्षा आंदोलन: माताओं के दर्द को समझने की कोशिश

शिवसेना सांसद संजय राउत ने सिंदूर रक्षा आंदोलन की घोषणा की है, जो उन माताओं के लिए है जिनका गुस्सा पहलगाम हमले के बाद शांत नहीं हुआ है। उन्होंने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का विरोध करते हुए कहा कि यह देशद्रोह है। राउत ने भ्रष्टाचार के खिलाफ चेतावनी दी और महात्मा गांधी की विचारधारा के महत्व पर जोर दिया। जानें उनके विचार और आंदोलन का उद्देश्य।
 

सिंदूर रक्षा आंदोलन का ऐलान

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने बताया कि उनकी पार्टी का महिला विंग रविवार को महाराष्ट्र में उन माताओं के लिए 'सिंदूर रक्षा आंदोलन' आयोजित करेगा, जिनका गुस्सा पहलगाम हमले के बाद अभी भी शांत नहीं हुआ है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। भारतीय सशस्त्र बलों ने इस हमले का प्रतिशोध लेने के लिए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।


 


क्रिकेट मैच का विरोध


संजय राउत ने कहा कि हम भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का विरोध करेंगे। महिलाएं सड़कों पर उतरेंगी और हमारा अभियान 'सिंदूर रक्षा अभियान' है। उन्होंने कहा कि अगर पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते, तो खून और क्रिकेट कैसे चल सकते हैं? यह देशद्रोह है। राउत ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, और पहलगाम में मारे गए 26 महिलाओं का दर्द अभी भी ताजा है।


 


भ्रष्टाचार पर चेतावनी


उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि क्या विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस और बजरंग दल इस मामले में शामिल हैं। नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए राउत ने चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति भारत में भी उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कहा कि लोग महात्मा गांधी की अहिंसक विचारधारा में विश्वास करते हैं, जो हिंसा को रोकती है। राउत ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की सरकार गांधी की विचारधारा के कारण ही अस्तित्व में है।


 


गांधी की विचारधारा का महत्व


राउत ने कहा कि यदि यह चिंगारी भारत में फैलती है, तो यह एक बड़ा संकट बन सकता है। उन्होंने कहा कि भारत आज भी गांधी की विचारधारा के कारण जीवित है, और लोग आज भी गांधी में विश्वास करते हैं।