संघ प्रमुख मोहन भागवत का 75 वर्ष की उम्र पर महत्वपूर्ण बयान
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 75 वर्ष की उम्र में दूसरों को अवसर देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, खासकर प्रधानमंत्री मोदी के संदर्भ में। शिवसेना और कांग्रेस के नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं, जिससे यह मुद्दा और भी गरमा गया है। जानें इस विषय पर और क्या कहा गया है और इसके पीछे की राजनीतिक बारीकियाँ क्या हैं।
Jul 11, 2025, 12:13 IST
मोहन भागवत का संदेश
संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में कहा कि 75 वर्ष की आयु में दूसरों को अवसर देना आवश्यक है। यह बयान उन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक के विमोचन समारोह में दिया। 74 वर्षीय भागवत ने बताया कि मोरोपंत पिंगले का मानना था कि जब किसी को 75 वर्ष की शॉल पहनाई जाती है, तो इसका अर्थ है कि अब उन्हें थोड़ा किनारे हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ में काम करते हुए मोरोपंत ने 75 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होने का आदर्श प्रस्तुत किया। जैसे हनुमान 'राम काज करिबे को आतुर' थे, वैसे ही मोरोपंत 'संघ कार्य करिबे को तत्पर' थे। यह समर्पण का प्रतीक है। राम जन्मभूमि आंदोलन में भी मोरोपंत ने अशोक सिंघल को आगे रखा और खुद पीछे रहे, जो गुमनाम रहकर काम करने की एक मिसाल है। भागवत ने पिंगले की राजनीतिक दूरदृष्टि और भविष्यवाणियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आपातकाल के बाद चुनाव परिणामों पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा था कि विपक्ष के 276 सांसद चुनकर आएंगे, तो सत्ता परिवर्तन निश्चित होगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
राजनीतिक बहस का आरंभ
इस टिप्पणी को कई लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए अप्रत्यक्ष संदेश माना है, जिससे एक राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जसवंत सिंह जैसे नेताओं को 75 वर्ष की उम्र के बाद रिटायर होने के लिए मजबूर किया। अब देखना यह है कि क्या वह खुद पर भी यही नियम लागू करेंगे। कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा कि बिना आचरण के उपदेश देना हमेशा खतरनाक होता है। यह सिद्धांतहीन है कि मार्गदर्शक मंडल को 75 वर्ष की आयु सीमा लागू करते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई, लेकिन संकेत स्पष्ट हैं कि वर्तमान व्यवस्था को इस नियम से छूट दी जाएगी।
कांग्रेस का कटाक्ष
पीएम की घर वापसी का संदर्भ
कांग्रेस ने मोहन भागवत की 75 वर्ष की उम्र में पद छोड़ने की टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह किस तरह की घर वापसी है कि सरसंघचालक ने विदेश से लौटने पर प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि वह इस साल 75 साल के हो जाएंगे। रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री भी सरसंघचालक से कह सकते हैं कि वह भी 11 सितंबर 2025 को 75 साल के हो जाएंगे। उन्होंने कटाक्ष किया, 'एक तीर, दो निशाने।'