श्रीधर वेम्बू: Zoho Mail के संस्थापक की प्रेरणादायक यात्रा
श्रीधर वेम्बू का परिचय
श्रीधर वेम्बू
भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी Zoho वर्तमान में चर्चा का विषय बनी हुई है। इसका मैसेजिंग ऐप अरताई (Arattai) अब WhatsApp का एक प्रभावी विकल्प बन चुका है। इसके साथ ही, कई उपयोगकर्ता Gmail को छोड़कर Zoho Mail का उपयोग करने लगे हैं, जिसका कारण इसकी बेहतर प्राइवेसी, मुफ्त सेवाएं और पेशेवर सुविधाएं हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया कि उन्होंने Zoho Mail का उपयोग शुरू कर दिया है, जिससे लोगों की इस सेवा में रुचि और बढ़ गई है। इसीलिए, हम आपको Zoho Mail के संस्थापक श्रीधर वेम्बू के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
श्रीधर वेम्बू की पहचान
श्रीधर वेम्बू, जो 1968 में जन्मे, भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक हैं और Zoho Corporation के संस्थापक हैं। Forbes की 2024 की सूची में वे भारत के 39वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में दर्ज हैं, जिनकी कुल संपत्ति लगभग 5.85 अरब डॉलर (लगभग 50,000 करोड़ रुपये) है। भारत सरकार ने उन्हें 2021 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था।
साधारण शुरुआत से सफलता की ओर
वेम्बू का जन्म तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक छोटे से ब्राह्मण परिवार में हुआ। उन्होंने IIT मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर अमेरिका के प्रिंसटन विश्वविद्यालय से मास्टर्स और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उनका करियर क्वालकॉम में एक वायरलेस इंजीनियर के रूप में शुरू हुआ। बाद में, उन्होंने सैन फ्रांसिस्को बे एरिया में काम किया और 1996 में अपने भाइयों के साथ AdventNet नामक कंपनी की स्थापना की, जिसे बाद में Zoho Corporation के नाम से जाना गया। आज यह कंपनी विश्वभर में क्लाउड सॉफ्टवेयर और CRM समाधानों के लिए प्रसिद्ध है।
गांव में नई शुरुआत
2019 में, वेम्बू ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया और चेन्नई तथा अमेरिका की जीवनशैली को छोड़कर तमिलनाडु के तेन्कासी गांव में बसने का फैसला किया। वे अब वहीं से अपने व्यवसाय का संचालन करते हैं। उनका मानना है कि तकनीक और ग्रामीण विकास एक साथ चलने चाहिए। वर्तमान में, वेम्बू के पास Zoho में 88% हिस्सेदारी है और उनकी संपत्ति पिछले कुछ वर्षों में दोगुनी से अधिक हो चुकी है। उनकी कहानी यह दर्शाती है कि खुशी केवल धन या सुविधाओं से नहीं, बल्कि दृष्टिकोण और सोच से आती है।