×

श्री बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी दर्शन बंद, सीधा प्रसारण शुरू

श्री बांके बिहारी मंदिर की प्रबंधन समिति ने वीआईपी दर्शन को समाप्त करने और दर्शन के लिए सीधा प्रसारण शुरू करने का निर्णय लिया है। यह कदम भक्तों के लिए समानता का संदेश देता है और मंदिर में दर्शन की व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब सभी भक्तों को अपनी बारी का इंतजार करना होगा, जिससे भेदभाव की स्थिति समाप्त होगी। इस निर्णय से मंदिर की गरिमा और परंपरा को भी मजबूती मिलेगी। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और इसके संभावित लाभ।
 

मंदिर प्रबंधन समिति के नए निर्णय

उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर की उच्चाधिकार प्राप्त प्रबंधन समिति ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत वीआईपी पास को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है और दर्शन के लिए सीधा प्रसारण शुरू करने का भी ऐलान किया गया है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गठित इस समिति ने मंदिर में दर्शन और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक बैठक आयोजित की। जिला सूचना अधिकारी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि अब वीआईपी दर्शन के लिए पर्ची कटवाने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है, और वीआईपी कटघरा भी हटा दिया जाएगा।


दर्शन के लिए नई व्यवस्था

विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब सभी भक्तों को अपनी बारी का इंतजार करना होगा, जिससे मंदिर प्रशासन पर भेदभाव का आरोप नहीं लगेगा और दर्शनार्थियों के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति भी नहीं बनेगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अगले तीन दिनों में यह तय करेंगे कि किस द्वार से भक्तों का प्रवेश होगा और किस द्वार से निकासी की जाएगी। इसके अलावा, मंदिर की सुरक्षा अब पूर्व सैनिकों या पेशेवर सुरक्षा एजेंसियों को सौंपी जाएगी, न कि पुलिस या निजी गार्डों को।


दर्शन का समय और अन्य सुधार

विज्ञप्ति में यह भी उल्लेख किया गया है कि मंदिर अब पहले से अधिक समय तक खुला रहेगा। गर्मियों में यह तीन घंटे और सर्दियों में पौने तीन घंटे अधिक समय तक खुला रहेगा। समिति ने यह भी निर्णय लिया है कि मंदिर के भवन का आईआईटी रुड़की से संरचनात्मक ऑडिट कराया जाएगा और यह पता लगाया जाएगा कि मंदिर के पास कितनी चल-अचल संपत्ति है। विशेष ऑडिट कराने का निर्णय भी लिया गया है, जिसमें 2013 से 2016 तक की अनियमितताओं की जांच की जाएगी।


समानता का संदेश

बांके बिहारी मंदिर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहाँ आने वाले सभी भक्तों को अपने ईष्टदेव के दर्शन का समान अधिकार है। वीआईपी दर्शन को समाप्त करने का निर्णय निश्चित रूप से स्वागत योग्य है। अब तक, विशेषाधिकार प्राप्त लोग सीधे दर्शन कर लेते थे, जबकि आम भक्तों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता था। इस निर्णय से मंदिर की गरिमा और परंपरा को भी मजबूती मिलेगी।


भक्तों के लिए बेहतर अनुभव

इस निर्णय के दूरगामी लाभ भी होंगे। भीड़ प्रबंधन अधिक सहज होगा, असंतोष और अव्यवस्था की स्थिति कम होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भक्तों को यह अनुभव होगा कि ईश्वर के सामने सभी समान हैं। इससे मंदिर प्रशासन पर व्यापारीकरण और विशेष वर्ग के प्रभाव की आलोचना भी समाप्त हो जाएगी। श्री बांके बिहारी मंदिर की उच्चाधिकार प्राप्त प्रबंधन समिति का यह कदम केवल धार्मिक स्थल की आंतरिक व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को यह सांस्कृतिक संदेश भी देता है कि आस्था और भक्ति में कोई ऊँच-नीच नहीं होती।