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शेयर बाजार में तेजी: निवेशकों को 2.44 लाख करोड़ का लाभ

शेयर बाजार में हालिया तेजी ने निवेशकों को 2.44 लाख करोड़ रुपए का लाभ पहुंचाया है। इस लेख में जानें कि किन प्रमुख कारणों ने इस वृद्धि को संभव बनाया, जैसे मेटल शेयरों में खरीदारी, कैपेक्स में बढ़ोतरी, और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट। जानें कि कैसे वैश्विक संकेतों ने भारतीय बाजार को प्रभावित किया और निवेशकों ने वैल्यू बाइंग के जरिए लाभ उठाया।
 

शेयर बाजार का उतार-चढ़ाव

बुधवार को हुई तेजी के बाद, शुक्रवार को शेयर बाजार का माहौल कुछ ठीक नहीं रहा। सुबह से लेकर दोपहर तक सेंसेक्स और निफ्टी में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। हालांकि, बाजार बंद होने से पहले दोनों ने फिर से रफ्तार पकड़ी। सेंसेक्स ने दिन के न्यूनतम स्तर से 550 अंकों से अधिक की बढ़त दिखाई, जबकि निफ्टी 24,894.25 अंकों पर बंद हुआ। आंकड़ों के अनुसार, मेटल शेयरों में वृद्धि, कच्चे तेल की कीमतों में कमी और सकारात्मक वैश्विक संकेतों के चलते बेंचमार्क इक्विटी सूचकांकों ने शुरुआती गिरावट की भरपाई की।


निवेशकों को लाभ के कारण

टाटा स्टील, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयरों में 4 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। आइए जानते हैं कि किन पांच कारणों से निवेशकों को 2.44 लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ। यह ध्यान देने योग्य है कि शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी देखने को मिली है, जिसमें सेंसेक्स ने दो दिनों में 900 से अधिक अंकों की वृद्धि दर्ज की।


शेयर बाजार में तेजी के प्रमुण कारण

मेटल शेयरों में खरीदारी: टाटा स्टील में लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह निफ्टी 50 में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला शेयर बना। यूरोपीय संघ द्वारा स्टील आयात कोटा आधा करने और अधिक मात्रा पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की खबरों ने इस क्षेत्र में निवेशकों की रुचि बढ़ाई। ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि इसका प्रभाव टाटा स्टील और सेल पर सीमित रहेगा, जिनकी निर्यात में 8 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी है।


कैपेक्स को बढ़ावा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विकास को गति देने के लिए कैपेक्स बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत बढ़ी, जो पिछले पांच तिमाहियों में सबसे तेज़ है। अधिक खर्च की उम्मीदों ने इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल गुड्स के शेयरों को सहारा दिया।


कच्चे तेल में गिरावट: संभावित अमेरिकी सरकार के बंद होने की चिंताओं और ओपेक+ देशों की सप्लाई बढ़ने की उम्मीदों के चलते ब्रेंट क्रूड की कीमतें लगातार तीसरे दिन गिरकर 16 हफ्तों के निचले स्तर पर आ गईं। कच्चे तेल की कम कीमतों ने भारत के आयात बिल और महंगाई को लेकर चिंताओं को कम किया।


ग्लोबल इंडिकेटर: एशियाई शेयर बाजारों में मिला-जुला रुख रहा, जापान के निक्केई और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में तेजी आई, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग नीचे रहा। वॉल स्ट्रीट पर, गुरुवार को बेंचमार्क सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। मजबूत वैश्विक बाजार रुझानों ने भारतीय शेयर बाजारों के लिए जोखिम उठाने की क्षमता में सुधार किया।


वैल्यू बाइंग: शुरुआती आठ दिनों की गिरावट के बाद, निवेशकों ने वैल्यू बाइंग की, जिससे सूचकांकों को इंट्राडे के निचले स्तर से उबरने में मदद मिली।


शेयर बाजार में निवेशकों को लाभ

इस तेजी के चलते शेयर बाजार ने निवेशकों को बड़ा लाभ पहुंचाया है। बीएसई के मार्केट कैप से जुड़े आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को बीएसई का मार्केट कैप 4,55,34,260.35 करोड़ रुपए था, जो शुक्रवार को बढ़कर 4,57,77,820.86 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इसका मतलब है कि बीएसई के मार्केट कैप में 2.44 लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ।