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शेयर बाजार में गिरावट: SBI सहित 7 कंपनियों की वैल्यू में कमी

पिछले सप्ताह शेयर बाजार में सुस्ती का माहौल रहा, जिसके चलते SBI सहित शीर्ष 10 में से 7 कंपनियों की मार्केट वैल्यू में भारी गिरावट आई। इस गिरावट का मुख्य कारण छुट्टियों के चलते सीमित ट्रेडिंग सत्र और कमजोर वैश्विक संकेत रहे। हालांकि, कुछ कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि बाजार पूरी तरह से कमजोर नहीं है। जानें इस विषय में और क्या हुआ और आगे क्या उम्मीद की जा सकती है।
 

शेयर बाजार की सुस्ती

शेयर मार्केट

पिछले सप्ताह शेयर बाजार में कोई खास गतिविधि नहीं देखी गई। छुट्टियों के कारण ट्रेडिंग सत्र सीमित रहे, जिससे बाजार में सुस्ती का माहौल बना रहा। इसका प्रभाव देश की प्रमुख कंपनियों पर भी पड़ा, जहां शीर्ष 10 में से 7 कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू लगभग 35,439 करोड़ रुपये घट गई। इस गिरावट में सबसे अधिक नुकसान सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को हुआ।

हालांकि, पूरे सप्ताह बीएसई सेंसेक्स में हल्की बढ़त देखने को मिली, लेकिन इसका लाभ सभी बड़ी कंपनियों को नहीं मिला। कमजोर वैश्विक संकेत, निवेशकों की सतर्कता और कुछ शेयरों में मुनाफावसूली ने बड़े नामों की वैल्यू को प्रभावित किया। इसी कारण शीर्ष कंपनियों में गिरावट का रुख बना रहा।


SBI को सबसे बड़ा झटका

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मार्केट वैल्यू में अकेले 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आई। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फाइनेंस और लार्सन एंड टुब्रो जैसी कंपनियों की वैल्यू में भी हजारों करोड़ रुपये की कमी आई। आईसीआईसीआई बैंक, एलआईसी और टीसीएस भी इस गिरावट से अछूते नहीं रहे।


कुछ कंपनियों ने संभाला मोर्चा

जहां अधिकांश बड़ी कंपनियां दबाव में रहीं, वहीं कुछ शेयरों ने निवेशकों को राहत प्रदान की। एचडीएफसी बैंक की मार्केट वैल्यू में अच्छी बढ़त देखने को मिली। इंफोसिस और भारती एयरटेल ने भी मजबूत प्रदर्शन करते हुए अपने मार्केट कैप में इजाफा किया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि बाजार पूरी तरह से कमजोर नहीं था, बल्कि कुछ सेक्टर्स में खरीदारी बनी रही।


रिलायंस अब भी नंबर वन

उतार-चढ़ाव के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बनी रही। इसके बाद एचडीएफसी बैंक और भारती एयरटेल का स्थान रहा। टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई भी शीर्ष रैंकिंग में बने हुए हैं, हालांकि उनकी वैल्यू में गिरावट आई है। मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अल्पकालिक है। छुट्टियों और सीमित कारोबार के कारण आई यह कमजोरी लंबी अवधि के निवेशकों के लिए चिंता का विषय नहीं है। अच्छी फंडामेंटल वाली कंपनियां भविष्य में फिर से मजबूती दिखा सकती हैं।


अतिरिक्त जानकारी

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