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शुभमन गिल की कप्तानी में भारत को मिली हार, पूर्व खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएँ

शुभमन गिल ने टेस्ट कप्तान के रूप में अपने पहले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ हार का सामना किया। इस हार के बाद पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों ने गिल की कप्तानी पर अपनी राय दी है, जिसमें संजय मांजरेकर ने गिल की तुलना विराट कोहली से की। मांजरेकर ने गिल की फील्डिंग रणनीति और आक्रामकता की कमी पर सवाल उठाए। गिल के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, क्योंकि उन्हें अपनी कप्तानी में सुधार करना होगा। भारत अब एजबेस्टन में दूसरे टेस्ट में वापसी करने की कोशिश करेगा।
 

शुभमन गिल का टेस्ट कप्तान बनने का सफर

भारत के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल का पदार्पण आसान नहीं रहा, क्योंकि टीम को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि गिल ने इस मैच में शतक बनाया, लेकिन उनकी कप्तानी पर सवाल उठे जब भारत ने चौथे दिन मजबूत स्थिति को गंवा दिया और इंग्लैंड ने जीत हासिल की।


कप्तानी पर पूर्व खिलाड़ियों की राय

इंग्लैंड की परिस्थितियों में कप्तानी करना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है, और क्रिकेट विशेषज्ञों ने गिल की कप्तानी पर खुलकर अपनी राय रखी। पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने गिल की तुलना भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान विराट कोहली से की।


स्टार स्पोर्ट्स पर मांजरेकर ने गिल की फील्ड प्लेसमेंट में आक्रामकता की कमी की ओर इशारा किया, खासकर महत्वपूर्ण क्षणों के दौरान। उन्होंने कहा, "गेंद ज्यादा नहीं कर रही थी, लेकिन भारत ने ऐसे डिफेंसिव फील्ड रखे जैसे वे पहले से इंग्लैंड के काउंटर अटैक की तैयारी कर रहे थे।"


कोहली की तुलना में गिल की कप्तानी

मांजरेकर ने यह भी बताया कि कोहली की कप्तानी की पहचान उनकी तीव्रता और विपक्ष पर दबाव डालने की प्रवृत्ति थी। उन्होंने कहा, "कोहली विकेट लेने का इरादा दिखाते, चाहे विकेट गिरे या नहीं। गिल एक अलग प्रकार के कप्तान हैं, लेकिन फिर भी आपको बहुत डिफेंसिव नहीं होना चाहिए।"


नई युग की शुरुआत

गिल ने इस साल रोहित शर्मा के रिटायरमेंट के बाद टेस्ट कप्तानी संभाली है। कोहली ने रोहित से पहले टीम को ऐतिहासिक सफलता दिलाई थी, जिसमें 68 मैचों में से 40 जीत शामिल हैं। अब गिल के पास एक युवा नेता के रूप में अपनी क्षमता साबित करने का मौका है।


भारत अब एजबेस्टन में दूसरे टेस्ट में वापसी करने की कोशिश करेगा, और सभी की नजरें गिल की कप्तानी पर होंगी कि वह बढ़ते दबाव में अपने खेल को कैसे समायोजित करते हैं।