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शिवसेना नेता का विवादास्पद बयान: 20 करोड़ का फंड मिलने का दावा

महाराष्ट्र के माहिम के पूर्व विधायक सदा सरवणकर ने एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें विधायक न रहने के बावजूद 20 करोड़ रुपये का फंड मिला। इस बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और विपक्ष ने इसे धन आवंटन में भेदभाव का सबूत बताया है। सरवणकर के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए महा विकास अघाड़ी ने कड़ी आलोचना की है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और राजनीतिक ramifications के बारे में।
 

शिवसेना के पूर्व विधायक का विवादास्पद बयान

शिवसेना के पूर्व विधायक सदा सरवणकर.


महाराष्ट्र के माहिम के पूर्व विधायक सदा सरवणकर ने हाल ही में एक बयान दिया है, जिसने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। उनके अनुसार, वर्तमान विधायकों को केवल 2 करोड़ रुपये का फंड मिलता है, जबकि उन्हें विधायक न रहने के बावजूद 20 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।


सरवणकर ने इस बयान के माध्यम से विपक्ष के आरोपों को और मजबूती दी है कि धन का आवंटन सत्तारूढ़ दल के सदस्यों को चुनिंदा तरीके से किया जा रहा है।


एक कार्यक्रम के दौरान, जो उनके निर्वाचन क्षेत्र (दादर-माहिम) में आयोजित हुआ, उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है।


इस वीडियो में, उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के विधायक महेश सावंत को विकास कार्यों के लिए केवल 2 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जबकि उन्हें 20 करोड़ रुपये मिले हैं।


विधायक को 2 करोड़ और मुझे 20 करोड़

सरवणकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में महायुति सरकार के गठन के बाद से धन वितरण में भेदभाव की बातें उठ रही हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनके उप-मुख्यमंत्रियों ने इन आरोपों को खारिज किया है, लेकिन सरवणकर के बयान ने विपक्ष के आरोपों को और बल दिया है।


उन्होंने यह भी कहा कि विकास की राजनीति करने वाले चुनाव हारते हैं, जबकि जाति की राजनीति करने वाले जीतते हैं। इसके बावजूद, उन्होंने कहा कि शिंदे साहब के समर्थन से वे इलाके में विकास कार्य करवा पाए हैं।


फंड आवंटन पर विवाद

सरवणकर के बयान पर विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि कुछ विधायकों को पर्याप्त विकास निधि न मिलना उनके निर्वाचन क्षेत्रों के नागरिकों के साथ अन्याय है।


महेश सावंत ने सरवणकर को 1316 मतों के अंतर से हराया था। सरवणकर ने 2014 और 2019 में विधानसभा सीट जीती थी।


यूबीटी के पूर्व विधायक वैभव नाइक ने आरोप लगाया कि शिंदे खेमे में शामिल होने वालों को धन आवंटन में खुली छूट दी गई है।


संजय गायकवाड़ का बयान

बुलढाणा के विधायक संजय गायकवाड़ ने भी एक जनसभा में कहा कि पंचायत और जिला परिषद के चुनावों के लिए 2 से 3 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है।


गायकवाड़ हाल ही में एक विवाद में भी शामिल रहे हैं, जब उन्होंने एक एमएलए हॉस्टल कैंटीन कर्मचारी के साथ मारपीट की थी।