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शिवसेना का RSS पर हमला: हिंदू जिन्ना का शासन स्थापित करने का आरोप

शिवसेना (UBT) ने RSS पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि संघ हिंदू जिन्ना का शासन स्थापित करना चाहता है। मुखपत्र सामना में शिवसेना ने संघ के डीएनए पर सवाल उठाते हुए कहा कि RSS की स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका नहीं थी। इसके अलावा, मोहन भागवत के विजयादशमी सम्मेलन में दिए गए भाषण पर भी सवाल उठाए गए हैं। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और शिवसेना के ताजा बयानों के बारे में।
 

शिवसेना (UBT) का RSS पर आरोप

शिवसेना (UBT) ने RSS पर किया हमला

शिवसेना (UBT) ने हाल के दिनों में बीजेपी और RSS पर लगातार हमले किए हैं। आज अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से संघ पर एक बार फिर से निशाना साधा है। इसमें RSS के डीएनए पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि संघ के राष्ट्रवाद और हिंदुत्व की वास्तविकता को समझने की आवश्यकता है।

मुखपत्र में यह भी कहा गया कि स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में RSS की कोई भूमिका नहीं थी। संघ की प्रगति पर स्वतंत्रता संग्राम का कोई असर नहीं पड़ा है, फिर भी ये लोग आजादी और राष्ट्रवाद पर भाषण देते हैं।

RSS का हिंदू जिन्ना का सपना

सामना में यह भी लिखा गया कि मोदी-शाह का शासन संघ के सपनों को साकार करने का प्रयास है। संघ की सोच देश की एकता को कमजोर कर कट्टर हिंदुत्व को बढ़ावा देना है। संक्षेप में, संघ हिंदू जिन्ना का शासन स्थापित करना चाहता है, जिसका उद्देश्य भारत को हिंदू पाकिस्तान में बदलना है।

आगे कहा गया कि संघ के बौद्धिक विभाग को श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश में उठे जन-आंदोलनों पर विचार करना चाहिए। वहां के शासकों ने कट्टरता और उग्र राष्ट्रवाद का प्रचार कर लोगों को अंधभक्त बना दिया।

मोहन भागवत का बीजेपी के सुर में सुर मिलाना

मुखपत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने विजयादशमी सम्मेलन में कोई नया संदेश नहीं दिया। उन्होंने बीजेपी के विचारों के साथ सहमति जताई है।

मोदी-शाह का शासन संघ के सपनों को साकार करने का प्रयास है, जो कट्टर हिंदुत्व को बढ़ावा देता है।

भागवत को डर?

पड़ोसी देशों का उल्लेख करते हुए कहा गया कि जब लोकतंत्र को कुचला जाता है, तब जनाक्रोश उत्पन्न होता है। भागवत को डर है कि ऐसा जनाक्रोश भारत में भी हो सकता है, क्योंकि पिछले दस वर्षों में मोदी-शाह ने जनता से झूठे वादे किए हैं।

डाक टिकट और सिक्के पर सवाल

मुखपत्र में यह भी कहा गया कि संघ के 100 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार ने डाक टिकट और विशेष सिक्के जारी किए हैं, लेकिन ये सब संघ द्वारा बनाए गए तानाशाहों की पहचान हैं। संघ ने मोदी-शाह जैसे तानाशाहों को जन्म दिया है, और अब उनके कार्यों का परिणाम देश पर भारी पड़ रहा है।