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शारदीय नवरात्रि में गुरु-शुक्र का विशेष योग: जानें किन राशियों को मिलेगा लाभ

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि के दौरान, बृहस्पति और शुक्र ग्रह एक विशेष स्थिति में आ रहे हैं, जिससे अर्धकेंद्र योग का निर्माण होगा। यह योग वृषभ, सिंह और धनु राशि के जातकों के लिए विशेष लाभकारी सिद्ध होगा। जानें कैसे यह संयोग आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है और किन क्षेत्रों में आपको सफलता मिल सकती है।
 

गुरु-शुक्र का अद्वितीय संयोग


शारदीय नवरात्रि के अवसर पर, बृहस्पति और शुक्र ग्रह एक विशेष स्थिति में आ रहे हैं। 25 सितंबर को सुबह 5:16 बजे, ये दोनों ग्रह 45 डिग्री पर स्थित होंगे, जिससे अर्धकेंद्र योग का निर्माण होगा। यह स्थिति कुछ राशियों के लिए विशेष लाभकारी साबित होगी।


गुरु-शुक्र का प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति समय-समय पर राशि परिवर्तन करते हैं, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है। वर्तमान में, बृहस्पति मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं और पूरे वर्ष यहीं रहेंगे। इस दौरान, वे अन्य ग्रहों के साथ युति करेंगे, जिससे शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के योग बनेंगे।


विशेष संयोग का प्रभाव

शारदीय नवरात्रि के दौरान, बृहस्पति और शुक्र की स्थिति कुछ राशियों के लिए अत्यंत लाभकारी होगी। शुक्र इस समय सिंह राशि में केतु के साथ रहेंगे, जिससे वृषभ, सिंह और धनु राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलेगा।


वृषभ राशि (Taurus)

इस योग का वृषभ राशि के जातकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। गुरु और बुध की उपस्थिति से जीवन में सुख और स्थिरता आएगी। परिवार में संबंध मधुर होंगे और दांपत्य जीवन में खुशियां बढ़ेंगी। भूमि और संपत्ति से जुड़े मामलों में लाभ की संभावना है। नौकरी की तलाश करने वालों को शुभ समाचार मिल सकता है।


सिंह राशि (Leo)

सिंह राशि वालों के लिए यह योग अत्यंत शुभ है। शुक्र की स्थिति से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के अवसर मिलेंगे। आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होगी, जिससे बड़े फैसले लेने में संकोच नहीं होगा। प्रतियोगिताओं में विजय की संभावना है।


धनु राशि (Sagittarius)

गुरु-शुक्र का अर्धकेंद्र योग धनु राशि के जातकों के लिए भाग्यवर्धक साबित होगा। लंबे समय से अटके कार्य पूरे होंगे और नए अवसर सामने आएंगे। आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होगी। विदेश यात्रा और शिक्षा से जुड़े योग भी प्रबल हैं।