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शारदा विश्वविद्यालय में छात्रा की आत्महत्या: उच्चतम न्यायालय में नई जानकारी

ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में एक छात्रा की आत्महत्या की घटना पर उच्चतम न्यायालय में नई जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्राथमिकी विश्वविद्यालय द्वारा नहीं, बल्कि छात्रा के माता-पिता द्वारा दर्ज कराई गई थी। सुरक्षा गार्डों ने छात्रा के शव को पंखे से नीचे उतारा। इस मामले में न्यायमित्र अपर्णा भट्ट ने स्थिति रिपोर्ट पेश की है, जिसमें पुलिस के दावों और जांच की स्थिति का भी उल्लेख है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगे की सुनवाई के बारे में।
 

शारदा विश्वविद्यालय में आत्महत्या की घटना की जांच

उच्चतम न्यायालय को बताया गया है कि ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय में एक छात्रा की आत्महत्या की घटना की प्राथमिकी विश्वविद्यालय द्वारा नहीं, बल्कि उसके माता-पिता द्वारा दर्ज कराई गई थी। सुरक्षा गार्डों ने छात्रा के शव को छात्रावास के पंखे से नीचे उतारा था।


यह जानकारी वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट द्वारा प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट में दी गई है। उन्हें इस मामले में न्यायमित्र के रूप में नियुक्त किया गया है। न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ सोमवार को इस मामले की सुनवाई कर सकती है।


भट्ट ने रिपोर्ट में कहा कि शारदा विश्वविद्यालय से संबंधित इस घटना में प्राथमिकी अभिभावकों द्वारा दर्ज कराई गई थी और सुसाइड नोट में उल्लेखित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।


रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पोस्टमार्टम से यह स्पष्ट हुआ है कि छात्रा की मौत दम घुटने के कारण हुई है और जांच जारी है, जो जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है। स्थिति रिपोर्ट में पुलिस का पक्ष भी शामिल है, जिसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है।


इसके अलावा, भट्ट ने आईआईटी-खड़गपुर मामले में भी जांच की स्थिति का उल्लेख किया, जहां एक चौथे वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में प्राथमिकी विश्वविद्यालय द्वारा दर्ज की गई थी, जिसमें किसी को आरोपी नहीं बनाया गया है। पोस्टमार्टम के परिणामों की जानकारी उपलब्ध नहीं है और पुलिस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।